रांची़ संत मरिया महागिरजाघर में सोमवार को क्रिज्म मिस्सा का आयोजन हुआ. इस मिस्सा बलिदान की अगुवाई रांची कैथोलिक महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप विंसेंट आईंद ने किया. पवित्र तेल की आशीष की गयी. इस विशेष धर्मविधि में तीन तरह के तेल की आशीष हुई. पहला पवित्र विलेपन का तेल, दूसरा बीमारों का तेल और तीसरा दीक्षार्थियों का तेल. आर्चबिशप ने कहा कि पीड़ितों और जरूरतमंदों की सेवा में अपने जीवन को समर्पित करना ही पुरोहिताई है. दूसरों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना ही कलीसिया का उद्देश्य है. आर्चबिशप ने कहा कि इन तेलों की आशीष की जाती है, ताकि हम इसके द्वारा चंगाई के मिशन कार्य को आगे बढ़ायें. आर्चबिशप ने कहा कि पुरोहित अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर सकें, इसके लिए सभी को साथ देने की जरूरत है. समारोह में रांची यीशु धर्मसंघ के प्रोविंशियल फादर अजीत कुमार खेस, संत मारिया महागिरजाघर के पल्ली पुरोहित फादर आनंद डेविड खलखो, फादर वीरेंद्र खलखो, फादर प्रफुल तिग्गा, फादर बिपिन कंडुलना, फादर रॉबर्ट मिंज आदि शामिल हुए.
पास्का पर्व की आध्यात्मिक तैयारी में शामिल हुए पुरोहित
रांची कैथोलिक महाधर्मप्रांत के सभी पुरोहितों और धर्मबहनों के लिए सोमवार को पास्का पर्व के लिए आध्यात्मिक तैयारी का आयोजन हुआ. आर्चबिशप विंसेंट आईंद ने सिनेड के दस्तावेज का संक्षिप्त ब्योरा प्रस्तुत किया और सभी को अपने प्रवचन द्वारा आध्यात्मिक तैयारी के लिए आमंत्रित किया. आर्चबिशप ने कलीसिया में एकता, सहभागिता और मिशन जैसे गुणों में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी. साथ ही टूटते परिवार और युवाओं में सोशल मीडिया के बढ़ते दुष्प्रभाव पर भी चिंता व्यक्त की. आर्चबिशप ने इस समस्या के समाधान के लिए एक साथ मिलकर कार्य करने का आह्वान किया. इसके बाद पवित्र सक्रामेंत की आराधना की गयी. इस अवसर पर फादर बिपिन पाणी, पल्ली पुरोहित फादर आनंद डेविड खलखो आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है