रांची (संवाददाता). कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कांटों भरा ताज पहना है. कुछ लोग नहीं चाहते हैं कि एक आदिवासी मुख्यमंत्री की सरकार चले. वे अब भी लगे हुए हैं कि यह सरकार गिर जाये. इसके बावजूद सरकार काम कर रही है और लोगों की समस्याओं का समाधान हो रहा है. कल्याण मंत्री रविवार को झारखंड अल्पसंख्यक प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय शिक्षक-शिक्षकेत्तर समन्वय समिति के अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे.
संत जॉन्स स्कूल मैदान में आयोजित इस अधिवेशन में राज्यभर से आये अल्पसंख्यक शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए श्री लिंडा ने कहा कि भाजपा की पिछली सरकार अल्पसंख्यक विद्यालयों को खत्म करना चाहती थी. पर आज हेमंत सरकार है, जहां आपकी समस्याओं का समाधान होगा. आज आपलोगों ने इस अधिवेशन के माध्यम से अपनी एकजुटता दिखायी है. आप एक ताकत के रूप में उभरे हैं.इससे पहले विधायक राजेश कच्छप, भूषण बाड़ा, नमन विक्सल कोंगाड़ी, रामचंद्र सिंह, जिगा सुसारन होरो ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में शिक्षा के प्रसार में अल्पसंख्यक विद्यालयों का अहम योगदान है. सरकार अल्पसंख्यक विद्यालयों और उसके शिक्षकों-कर्मचारियों की समस्या को लेकर सजग है और जल्दी ही इसका समाधान निकाला जायेगा. इस अवसर पर बिशप आनंद जोजो ने कहा कि अल्पसंख्यक विद्यालयों के शिक्षकों की समस्याओं से संबंधित ज्ञापन मंत्री और विधायकों को सौंपा गया है. उम्मीद करते हैं कि इनके समाधान की दिशा में सरकार काम करेगी.हमारी कोशिश है कि अपने शिक्षण संस्थानों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दें. बिशप विनय कंडुलना व सोसाइटी ऑफ जीसस के प्रोंवेशियल फादर अजीत खेस ने भी संबोधित किया.
झारखंड अल्पसंख्यक प्राथमिक विद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव निरंजन कुमार सांडिल और अल्पसंख्यक माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव एंथोनी तिग्गा ने शिक्षकों की समस्या्ों और मांगों से संबंधित ज्ञापन कल्याण मंत्री और विधायकों को सौंपा. इस अवसर पर फादर फ्लोरेंस कुजूर, सम्मीउल्लाह खान सहित अन्य लोगों ने भी संबोधित किया.संघ की प्रमुख मांगें
– माध्यमिक शिक्षा निदेशालयी पत्रांक 1443 दिनांक 23/08/2021 को निरस्त किया जाये – वेतन विपत्रों पर क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक का प्रतिहस्ताक्षर की बाध्यता समाप्त हो– मानव संसाधन विकास विभाग बिहार सरकार के ज्ञापांक 237 दिनांक 20/02/1990 को प्रभावी ढंग से लागू किया जाये
– अव्यहृत अर्जित अवकाश का नगद भुगतान पेंशन मद से किया जाये– अल्पसंख्यक शिक्षकों-कर्मचारियों के लिए भी राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू हो
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