रांची. शब्दकार की ओर से सोमवार को लालपुर में गोष्ठी आयोजित हुई. बसंत और प्रेम कविताओं का पाठ किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत विम्मी प्रसाद ने की. रीता गुप्ता ने बसंत तुमने छुआ क्या… का वर्णन किया. अनामिका प्रिया ने तुम्हारे आने पर कितनी खिली होती है शाम…, अनुपम श्री ने जब भी कोई गीत लिखूंगी, प्रियतम तेरे संग प्रीत लिखूंगी… सुनाकर समां बांध दिया. संगीता सहाय अनुभूति ने जब टूटन से गुजरती हूं, तुम छोड़ देते हो, अच्छा करते हो…का पाठ किया.
रांची के कवि पूरे देश में जाने जाते हैं
साहित्यकार अरुण कुमार ने कहा कि प्रकृति और बसंत के प्रति जो अनुराग है, वह कवियों को जगाने का काम करता है. कवि कुमार विजेंद्र ने कहा कि रांची के कवि पूरे देश में जाने जाते हैं. रश्मि शर्मा ने मुरझाई सी अमराई में है, गुनगुन भौंरों की आहट…कविता का पाठ किया. सत्या शर्मा ने अपने नवप्रकाशित हाईकू संग्रह से रचनाओं का पाठ किया. कार्यक्रम का संचालन राजीव थेपड़ा और धन्यवाद ज्ञापन संगीता कुजारा टॉक ने किया. इस अवसर पर अंशुमिता शेखर, कविता रानी, सुमिता सिन्हा, सुषमा झा, मनोज झा, पंकज पुष्कर, गुड्डू अनिल, सोनू कृष्णन, पुष्पा सहाय, गिन्नी, सुनीता अग्रवाल, सुनीता कुमारी आदि ने भी कविता पाठ किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है