रांची. पर्यटन कला संस्कृति खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग के तत्वावधान में बुधवार को खेलगांव स्थित राज्य संग्रहालय में दो दिवसीय संगोष्ठी शुरू हुई. संगोष्ठी में संग्रहालयों से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर विमर्श किया गया. मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि संग्रहालय में रचनात्मकता का होना समय की मांग है. झारखंड प्राकृतिक संपदाओं के मामले में समृद्ध राज्य है. हमारी विरासत, परंपरा, संस्कृति, इतिहास के संरक्षण में संग्रहालयों की भूमिका महत्वपूर्ण है.
राज्य संग्रहालय को शोध की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए
म्यूजियम एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट आनंद बर्धन ने कहा कि झारखंड की संस्कृति और इतिहास में ऐसी कई चीजें हैं, जिन्हें संग्रहालयों के माध्यम से प्रदर्शित किया जा सकता है. यहां के राज्य संग्रहालय को शोध की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. इसके अलावा तकनीक का उपयोग भी जरूरी है. इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक डॉ राजेश प्रसाद ने कहा कि संग्रहालयों के समक्ष कई चुनौतियां हैं. उन्हें नये रास्ते खोजने होंगे. शोध के साथ-साथ तकनीक का उपयोग कर लोगों की सहभागिता बढ़ानी होगी. संग्रहालयों में आज भी पुराने ढर्रे पर ही काम हो रहा है. संगोष्ठी का संचालन डॉ कमल कुमार बोस ने किया. इस अवसर पर राज्य संग्रहालय के अध्यक्ष शिवेंद्र कुमार सिंह आदि उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है