हाइकोर्ट ने रिम्स को शपथ पत्र दायर करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया
मामला मेडिकल कचरे के साइंटिफिक निष्पादन का.
रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य में नर्सिंग होम व अस्पतालों से निकलनेवाले बायो मेडिकल कचरा के साइंटिफिक निष्पादन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान प्रतिवादी रिम्स का पक्ष सुना. खंडपीठ ने रिम्स के जवाब दायर करने के लिए समय देने के आग्रह को स्वीकार कर सुनवाई स्थगित कर दी. खंडपीठ ने रिम्स को इनसिनिरेटर मशीन खराब रहने के मामले में जवाब दायर करने के लिए एक सप्ताह का समय प्रदान किया. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 22 सितंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व रिम्स की ओर से अधिवक्ता डॉ अशोक कुमार सिंह ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ से समय देने का आग्रह किया. वहीं प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता समावेश भंजदेव ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड ह्यूमेन राइट्स काॅन्फ्रेंस की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है. प्रार्थी ने रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो के अस्पतालों व नर्सिंग होम से निकलनेवाले मेडिकल कचरे के उचित निष्पादन की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

