वरीय संवादददाता, रांची. रामगढ़ के पतरातू निवासी प्रेम प्रकाश पांडेय ने पुलिस को बताया कि वह जब रामगढ़ जेल में था, तो गैंगस्टर अमन साहु ने आकाश राय उर्फ मोनू के माध्यम से सिग्नल ऐप से संपर्क किया था और कहा था कि मेरे गैंग में आ जाओ. सुरक्षित रहोगे. पहले वह विकास पांडेय गैंग में काम करता था. वह 15 फरवरी 2025 को रामगढ़ जेल से निकला है. वह वर्तमान में मोरहाबादी के एदलहातू स्थित श्री राम कृष्णा इन्क्लेव में मुन्ना सिंह के गेस्ट हाउस में मुन्ना भैया के आदेश पर रह रहा था. उसने पुलिस को बताया कि विकास तिवारी ने उसके चचेरे भाई भरत पांडेय की हत्या जनवरी 2025 में पलामू के चैनपुर में गोली मार कर की थी. इसकी जिम्मेवारी विकास तिवारी ने ली थी. इसके पूर्व मेरे चाचा अशोक पांडेय की हत्या 2022 में उसी ने करायी थी. गैंग के वर्चस्व के कारण यह हत्या की गयी थी. विकास तिवारी से अमन साहु की भी दुश्मनी थी और मेरी भी. हमारा दुश्मन एक था. अमन साहु ने जब संपर्क किया, तो हम उसके गैंग में शामिल हो गये और उसके लिए रामगढ़ जेल से काम करने लगे. विकास तिवारी को डैमेज करने के लिए उसके संपर्क में रहनेवाले लोगों को निशाना बनाना शुरू किया. विकास तिवारी के दम पर कारोबार करने वाले बिपिन मिश्रा पर हमले की योजना बनायी गयी. अमन साहु गैंग के राहुल सिंह व आकाश राय उर्फ मोनू ने बिपिन मिश्रा पर हमला करने के लिए शूटरों को चार पिस्टल उपलब्ध कराया था. पहले विशाल व विक्की को गोली मारने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. इसके बाद दो शूटर अविनाश ठाकुर उर्फ सिल्लु तथा शोभित सिंह उर्फ मकसुदन को रुपये देकर हमले करने के लिए कहा गया. बाइक नंबर के आधार पर सबसे पहले करण उरांव पकड़ाया : सीसीटीवी फुटेज में स्पोर्ट्स बाइक के नंबर के आधार पर उसके मालिक करण उरांव को पकड़ा गया. उसके बाद पूरा मामला धीरे-धीरे खुलने लगा. बाद में बाइक चलाने वाले रहमान अंसारी को पकड़ा गया. धीरे-धीरे कड़ी से कड़ी जुडता गया और फिर करण को लेकर पुलिस एदलहातू स्थित मुन्ना सिंह के घर पहुंची और प्रेम प्रकाश पांडेय को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद धीरे-धीरे सभी अपराधी पुलिस की गिरफ्त में आ गये. अमन साहु गिरोह हथियार किसी को सौंपता नहीं था, किसी स्थान पर रख कर देता था : अमन साहु गिरोह अपने गुर्गों को हथियार उपलब्ध कराता था. इसके लिए वह अपने गुर्गों का इस्तेमाल नहीं करता था. जिन्हें हथियार देना होता था, उसे बता दिया जाता था कि अमुक जगह पर हथियार रखा हुआ है, वहां से हथियार ले ले. इस कारण पुलिस को कोई शक भी नहीं होता था. बिपिन मिश्रा पर हमला करने के लिए हथियार उपलब्ध कराने के लिए वही योजना उपलब्ध करायी गयी थी. गमछा ओढ़ने वाले 22 लोगों से हुई पूछताछ : बरियातू के आरोग्य भवन स्थित ग्रीन पार्क अपार्टमेंट में रहने वाले बिपिन मिश्रा की चार मार्च से चार आरोपी रेकी कर रहे थे. सात मार्च को उन हमला किया गया. हमले के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस को पता चला कि एक गमछा लपेटा व्यक्ति रेकी के लिए सक्रिय है. इसके बाद पुलिस ने 22 गमछा ओढ़ने वाले संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ की.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है