वरीय संवाददाता, रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने सरकारी, गैरमजरूआ मालिक व प्रतिबंधित जमीन की गलत तरीके से खरीद-बिक्री और रजिस्ट्री के मामले की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने सुनवाई के दाैरान प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना. इसके बाद जनहित याचिका को बंद (खारिज) कर दिया. कहा कि लगाये गये आरोपों के समर्थन में प्रार्थी ने उससे जुड़ा कोई तथ्य या दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किया है. सिर्फ आरोप लगाया गया है. वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन व अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने कहा कि प्रार्थी ने आरोपों को साबित करने के लिए ऐसा कोई दस्तावेज नहीं दिया है. ऐसे में जनहित याचिका पर सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है. उसे खारिज करने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी शिव शंकर शर्मा ने जनहित याचिका दायर की थी. रजिस्ट्रार व विभिन्न अंचलों के सीओ के खिलाफ गलत तरीके से जमीन की रजिस्ट्री व म्यूटेशन करने का आरोप लगाया था. इसमें रांची के ओरमांझी अंचल, शहर अंचल, हेहल अंचल, नामकुम अंचल के सीओ के अलावा चास, गिरिडीह सदर, चंदनकियारी, खूंटी सहित 10 अंचलों के तत्कालीन सीओ पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया गया था.
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