पर्युषण पर्व के पांचवें दिन श्री दिगंबर जैन भवन में बच्चों ने प्रस्तुत किये गीत
रांची. पर्युषण पर्व के पांचवें दिन रविवार को श्री दिगंबर जैन भवन में अणुव्रत चेतना दिवस के रूप में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर उपासिका संतोष श्रीमाल और सीमा डुंगरवाल ने उपस्थित भक्तों को अणुव्रत आंदोलन के इतिहास के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि तेरापंथ धर्मसंघ के महान आचार्य गणाधिपति श्री तुलसी ने अणुव्रत आंदोलन का सूत्रपात मार्च 1949 में राजस्थान के सरदारशहर से किया था. उन्होंने कहा कि अणुव्रत निर्विशेषण धर्म है. डॉ जाकिर हुसैन ने भी इसे मानव को नैतिक मानव बनाने का पर्याय बताया था. छोटे-छोटे व्रतों के माध्यम से संयम की चेतना विकसित करना ही अणुव्रत का उद्देश्य है. उपासिकाओं ने कहा कि नैतिक मूल्यों की स्थापना और चरित्र निर्माण में अणुव्रत आंदोलन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, साथ ही व्यसनमुक्त समाज का निर्माण करना भी इसका एक बड़ा लक्ष्य है.पर्युषण पर्व के तहत तपस्या का क्रम भी जारी है. विशाल दस्सानी ने 25, विकास नाहटा ने 6, रश्मि सिंघी और रूबी बांठिया ने 5-5 तथा खुशबू दस्सानी ने 4 उपवास किये हैं. ज्ञानशाला के बच्चों ने सुंदर गीतिका प्रस्तुत की. शाम में भांचा कार्यक्रम के साथ बच्चों के लिए कई मनोरंजक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गये. मौके पर प्रवचन में अमरचंद बेगानी, ललित सेठिया, विनोद बेंगवानी, मयंक संचेती, पंकज बोहरा, सौरभ सुराणा, अमन सेठिया, शौभाग्य गंग, पूजा नाहटा, सरिता दस्सानी, सुमन बच्छावत सहित अन्य श्रद्धालु उपस्थित थे.
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