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सीवरेज-ड्रेनेज फेज-वन के लिए एनएचएआइ जल्द जारी करे एनओसी : हाइकोर्ट

मामला रांची के सीवरेज-ड्रेनेज फेज-वन के शीघ्र निर्माण का, अगली सुनवाई 18 जून को होगी.

रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने राजधानी रांची में सीवरेज-ड्रेनेज परियोजना को शीघ्र पूरा करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दौरान एनएचएआइ व रांची नगर निगम का पक्ष सुना. इसके बाद खंडपीठ ने एनएचएआइ से सीवरेज-ड्रेनेज योजना के फेज-वन के लिए जल्द अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने को कहा.

एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर की ओर से बताया गया कि इस मामले में रांची नगर निगम ने शर्त मान ली है. इसे स्वीकृति के लिए मंत्रालय के पास भेजा गया है. उम्मीद है जल्द एनओसी मिल जायेगा. खंडपीठ ने राज्य सरकार को सीवरेज-ड्रेनेज प्रोजेक्ट के फेज-टू, थ्री तथा फेज-फोर के निर्माण कार्य के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 18 जून को होगी. मामले की सुनवाई के दाैरान एनएचएआइ के प्रोजेक्ट निदेशक व रांची नगर निगम के कार्यपालक अभियंता सशरीर उपस्थित थे. इससे पूर्व रांची नगर निगम की ओर से अधिवक्ता एलसीएन शाहदेव ने खंडपीठ को बताया कि लगभग 82 से 85 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है. एनएचएआइ से एनओसी मिलने के बाद फेज-वन का कार्य जल्द पूरा कर लिया जायेगा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी अरविंदर सिंह देओल ने जनहित याचिका दायर की है.

मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़े कितने नर्सिंग होम व अस्पताल निबंधित हैं : हाइकोर्ट

रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने नर्सिंग होम व अस्पतालों से निकलनेवाले बायो मेडिकल कचरा के साइंटिफिक निष्पादन को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने इस दौरान मौखिक रूप से कहा कि बायो मेडिकल कचरे का सही निष्पादन नहीं होने से यह जहां-तहां बिखरे दिखते हैं. इससे मनुष्यों के साथ-साथ पशुओं का स्वास्थ्य प्रभावित होने की आशंका रहती है. राज्य सरकार अथवा संबंधित अथॉरिटी को बायो मेडिकल वेस्ट के साइंटिफिक निष्पादन के लिए हमेशा सावधान रहना चाहिए. खंडपीठ ने निदेशक स्वास्थ्य प्रमुख को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने पूछा कि राज्य में संचालित कितने नर्सिंग होम व अस्पताल निबंधित हैं. इसमें से कितने नर्सिंग होम व अस्पताल अपने बायो मेडिकल कचरे के निष्पादन के लिए बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट से जुड़े हुए हैं. शपथ पत्र के माध्यम से सारी जानकारी कोर्ट के समक्ष लाने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई नाै जुलाई को होगी.

इससे पूर्व झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि राज्य में अभी पांच जगहों जैसे रामगढ़, लोहरदगा, पाकुड़, धनबाद व आदित्यपुर में बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट चल रहा है. वहीं देवघर में अभी बायो मेडिकल वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण जारी है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी झारखंड ह्युमेन राइट्स कांफ्रेंस की ओर से जनहित याचिका दायर की गयी है. प्रार्थी ने रांची, जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो के अस्पतालों व नर्सिंग होम से निकलनेवाले मेडिकल कचरे के उचित निष्पादन की मांग की है.

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