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Friday, March 29, 2024

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Naukri In Jharkhand : बेरोजगारों के लिए खुशखबरी, अब इस कंपनी में हर साल 10 हजार लोगों को मिलेगा रोजगार, झारखंड सरकार के साथ हुआ समझौता

private job vacancy in jharkhand : एमओयू के बाद मंत्री ने कहा कि अब कानूनी रूप से नियोजन के लिए दूसरे राज्यों में भेजा जायेगा. एमओयू के तहत महिलाओं को रहने, खाने-पीने के साथ प्रतिमाह 12 हजार रुपये मिलेंगे. वहीं कुछ महिलाओं को नियुक्ति पत्र भी दिया गया. रोजगार के लिए उन युवतियों/महिलाअों को शामिल किया जायेगा, जिनका नाम नियोजनालय में निबंधित है. या फिर उनको शामिल किया जायेगा, जिन्होंने राज्य कौशल विकास मिशन द्वारा विभिन्न केंद्रों से गारमेंट्स से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त किया है.

Vacancy In Jharkhand, Job in Jharkhand, Jharkhand News रांची : श्रम विभाग ने मंगलवार को देश-विदेश में यार्न (धागा), फैब्रिक्स (कपड़ा), गारमेंट्स (परिधान) बनाने वाली कंपनियों में प्रमुख कोयंबटूर स्थित केपीआर मिल्स के साथ समझौता हस्ताक्षर किया. इसके तहत राज्य की करीब 10 हजार महिलाओं को हर वर्ष रोजगार मिल पायेगा. मौके पर श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, श्रम सचिव प्रवीण टोप्पो, श्रमायुक्त ए मुत्थुकुमार, श्रम नियोजन निदेशक नेहा अरोड़ा तथा केपीआर मिल्स से अध्यक्ष केपी रामासामी भी मौजूद थे.

एमओयू के बाद मंत्री ने कहा कि अब कानूनी रूप से नियोजन के लिए दूसरे राज्यों में भेजा जायेगा. एमओयू के तहत महिलाओं को रहने, खाने-पीने के साथ प्रतिमाह 12 हजार रुपये मिलेंगे. वहीं कुछ महिलाओं को नियुक्ति पत्र भी दिया गया. रोजगार के लिए उन युवतियों/महिलाअों को शामिल किया जायेगा, जिनका नाम नियोजनालय में निबंधित है. या फिर उनको शामिल किया जायेगा, जिन्होंने राज्य कौशल विकास मिशन द्वारा विभिन्न केंद्रों से गारमेंट्स से संबंधित प्रशिक्षण प्राप्त किया है.

स्वास्थ्य मंत्री के आवास के सामने दिया धरना

रांची . राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत प्रखंड प्रशिक्षक दल (बीटीटी) को कई जगहों पर कार्यमुक्त कर दिया गया है. इसके विरोध में बीटीटी के प्रतिनिधियों ने मंगलवार को डोरंडा स्थित स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आवास के सामने धरना दिया. वे स्वास्थ्य मंत्री से मिलना चाहते थे, पर मंत्री आवास में नहीं थे. इस कारण इन्हें बुधवार को बुलाया गया है.

बीटीटी के अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर ने बताया कि सभी प्रखंडों में 580 बीटीटी पिछले 10 वर्षों से कार्यरत थे. कोरोना काल में भी बीटीटी ने पूरे जी-जान से काम किया. इन्हें इसके एवज में आठ हजार रुपये प्रतिमाह भुगतान किया जाता रहा है. अब परीक्षा के नाम पर बीटीटी को स्थानांतरित या कार्यमुक्त किया जा रहा है.

Posted By : Sameer Oraon

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