रांची. म्यूटेशन (दाखिल खारिज) के अधिकतर आवेदनों को बिना ठोस वजह के ही अस्वीकृत कर दिया जा रहा है. रांची जिला के नामकुम अंचल में इस मामले की समीक्षा के दौरान जो तथ्य उभर कर सामने आये हैं, वह चौंकाने वाले हैं. इस अंचल में वित्तीय वर्ष 2024 -25 में म्यूटेशन के लिए जो आवेदन आये, उसमें 60 प्रतिशत बिना किसी ठोस वजह के ही अस्वीकृत कर दिये गये. प्रमंडलीय आयुक्त अंजनी कुमार मिश्र ने नामकुम अंचल कार्यालय के निरीक्षण के दौरान इस मामलों की गहन समीक्षा की थी. इसमें यह पाया गया कि दाखिल खारिज के कुल 10538 मामले वर्ष 2024-25 में आये थे, जिसमें 2749 को स्वीकृत किया गया, 3646 मामले लंबित रखे गये और 4143 आवेदन को अस्वीकृत कर दिया गया. उन्होंने इसमें सुधार का निर्देश दिया है. तकनीकी वजह से फाइल नहीं खुली, तो अस्वीकृत कर दिये गये आवदेन : आयुक्त अंजनी कुमार मिश्र ने निरीक्षण के दौरान पाया कि आवेदन अस्वीकृत करने के जो कारण बताये गये हैं, वह पर्याप्त नहीं हैं. उन्हें बताया गया कि तकनीकी वजह से फाइल नहीं खुल रही थी, तो वैसे आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया गया. आवेदकों द्वारा दिये गये कागजात का सत्यापन नहीं होने पर भी आवेदन अस्वीकृत कर दिये गये. आयुक्त ने इसे ठोस वजह नहीं माना. रिपोर्ट में कहा गया है कि फाइल नहीं खुलने के तकनीकी कारणों के आधार पर दाखिल खारिज का आवेदन अस्वीकृत करना उचित नहीं है. कई आवेदन इस कारण से अस्वीकृत कर दिये गये, क्योंकि जमीन की खरीदारी करने वाले का भूमि पर दखल नहीं है. इस पर कहा गया है कि सभी दस्तावेज वैद्य रहने के बाद भूमि पर दखल संबंधी अस्पष्ट प्रतिवेदन के आधार पर इसे खारिज नहीं किया जा सकता, जब तक उस भूमि पर किसी दूसरे का दावा न हो.
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