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Political news : भाषा आधारित तुष्टीकरण पर उतर गयी है हेमंत सरकार : जदयू

जेटेट परीक्षा में पलामू प्रमंडल के लिए क्षेत्रीय भाषा में नागपुरी और कुड़ुख को शामिल किया गया है. मगर भोजपुरी और मगही को छोड़ दिया गया, जो कि अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण है.

रांची. जदयू के प्रदेश प्रवक्ता सागर कुमार ने कहा कि हेमंत सरकार भाषा आधारित तुष्टीकरण पर उतर गयी है. जेटेट परीक्षा में पलामू प्रमंडल के लिए क्षेत्रीय भाषा में नागपुरी और कुड़ुख को शामिल किया गया है. मगर भोजपुरी और मगही को छोड़ दिया गया, जो कि अनुचित और दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार भोजपुरी और मगही को पलामू प्रमंडल की भाषा में अविलंब जोड़े. साथ ही झारखंड गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मुंडा समुदाय की मुंडारी भाषा को खूंटी जिले की स्थानीय भाषा की सूची में शामिल करे.

हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं

श्री कुमार ने कहा कि हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं. सभी भाषाओं का अपना महत्व एवं इतिहास है. पलामू प्रमंडल के पलामू और गढ़वा जिले में बोलचाल और पढ़ने लिखने की भाषा सदैव से भोजपुरी एवं मगही रही है. प्रतियोगी परीक्षाओं में पलामू जिले की क्षेत्रीय भाषाओं की सूची में भोजपुरी और मगही को शामिल नहीं करने से स्थानीय युवाओं को परेशानी हो रही है. एक ओर सरकार उड़िया, उर्दू और बांग्ला सहित अन्य भाषाओं को क्षेत्रीय भाषा की सूची में जोड़ रही. वहीं, दूसरी ओर भोजपुरी और मगही को क्षेत्रीय भाषा के दर्जे से वंचित रखा है. झारखंड में रह रहे बिहार मूल के लाखों लोग इस भाषा का उपयोग करते हैं. इससे हेमंत सरकार की बिहार और बिहारी विरोधी मानसिकता उजागर हुई है.

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