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इकलौते पुत्र के अपहरण के बाद पिता को ही परेशान करती रही रांची पुलिस, इधर शौर्य की हो गयी हत्या

बरियातू पुलिस अगर मामले को गंभीरता से लेती तो राजू गोप के बेटे की जान बच सकती थी. समय पर अपहरण की सूचना देने के बाद भी पुलिस कार की तलाश नहीं कर सकी

तीन मार्च की शाम बरियातू थाना क्षेत्र के रामनगर एदलहातू से अगवा आठ वर्षीय शौर्य की हत्या कर दी गयी. सात मार्च को बोरे में बंद उसका शव नगड़ी के सपारोम स्थित तालाब से मिला. अपराधियों ने क्रूर तरीके से बच्चे की हत्या की. उसका मुंह बैंडेज से बंद था और पैर व हाथ को पीछे कर सेलो टेप से बांध दिया गया था. राजू गोप का इकलौता पुत्र शौर्य डीएवी गांधीनगर में दूसरी कक्षा में पढ़ता था.

बरियातू पुलिस अगर मामले को गंभीरता से लेती तो राजू गोप के बेटे की जान बच सकती थी. समय पर अपहरण की सूचना देने के बाद भी पुलिस कार की तलाश नहीं कर दो दिनों तक सिर्फ राजू गोप से पूछताछ कर एंगल तलाशती रही. उधर, अपराधी बच्चे को कार से अगवा कर ले गया और हत्या कर शव सपारोम में फेंक दिया. उल्लेखनीय है कि राजू गोप राजद के नेता हैं और लालू प्रसाद को जमानत दिलाने के लिए उनके बेलर भी बने थे.

पिता ने पुलिस की भूमिका पर उठाये सवाल :

मृत शौर्य के पिता ने बरियातू थानेदार ज्ञानरंजन और बरियातू पुलिस की लापरवाही की भूमिका पर सवाल उठाया है. राम नगर एदलहातू निवासी राजू गोप ने बताया कि तीन मार्च को उनका पुत्र शाम के 7.45 बजे घर से बिस्कुट लाने के लिए मुहल्ले की एक दुकान पर गया था. थोड़ी देर में जब वह घर नहीं लौटा, तो उसे ढूंढने हम निकले. कुछ देर तक तलाश करने के बाद करीब एक घंटे बाद बरियातू थाना पहुंचे और लापता होने की सूचना दी.

पुलिस ने कोई दिलचस्पी नहीं ली और न सक्रियता दिखायी. इसके बाद घर लौटा और उसी दिन खुद सीसीटीवी फुटेज की तलाश में जुट गये. इसी दौरान सीसीटीवी फुटेज से ही बेटे के अपहरण की जानकारी मिली. एक कार सवार व्यक्ति पुत्र को अगवा करता दिखा. थोड़ी देर में ही बरियातू पुलिस को वह फुटेज देकर अपहरण की बात बतायी. इसके बाद भी पुलिस ने अपहरण की घटना में प्रयुक्त कार की तलाश नहीं की और न ही रांची में वाहन चेकिंग अभियान शुरू किया गया. पुलिस चार मार्च को प्राथमिकी दर्ज कर राजू गोप के घर पहुंची.

इसके बाद अगवा बेटे की तलाश करने की जगह राजू गोप से ही पूछताछ कर परेशान करने लगी. पुलिस ने राजू गोप से पहले पूछा कि आपको किसी पर संदेह तो नहीं. घटना के पीछे किसी परिचित का हाथ तो नहीं. आपसे किसी की पुरानी दुश्मनी तो नहीं. तब राजू गोप ने पुलिस से कहा कि उनकी कभी किसी से कोई दुश्मनी नहीं हुई है और किसी पर संदेह भी नहीं है.

तब पुलिस परिचित के एंगल पर जांच शुरू करते हुए और फिरौती के लिए अपहरण का फोन परिजनों के पास आने का इंतजार करने लगी, लेकिन जब किसी अपहरणकर्ता का फोन नहीं आया, तब पुलिस अधिकारियों ने पांच अप्रैल से मामले को गंभीरता से लिया. इसके बाद बरियातू थाना प्रभारी को केस में सहयोग करने के लिए इंस्पेक्टर रैंक के अतिरिक्त पुलिस पदाधिकारी को भेजा गया.

छह अप्रैल को मुख्य आरोपी का पता चला : छह अप्रैल की रात पुलिस को अपहरण के पीछे संजीव कुमार पंडा के हाथ होने की जानकारी मिली. इसके बाद उसके घर में छापेमारी की गयी, लेकिन वह नहीं मिला. इसके बाद पुलिस ने सात मार्च की सुबह नगड़ी के सपारोम तालाब से शव बरामद किया. राजू गोप ने बताया कि मेरे पुत्र की हत्या के बाद पुलिस ने जितनी सक्रियता दिखायी और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, उतनी सक्रियता अगर पुलिस ने अपहरण के तुरंत बाद दिखायी होती, तो आरोपी रिंग रोड में ही पकड़ा जाता और शौर्य की जान बच जाती.

अपहरण के एक घंटे बाद ही गला दबा कर मार डाला, आरोपी संजीव कोडरमा से गिरफ्तार

शौर्य की हत्या का आरोपी संजीव कुमार पंडा उर्फ संजू पंडा को पुलिस ने कोडरमा से गिरफ्तार कर लिया. उसने पुलिस को बताया कि अपहरण के एक घंटे बाद ही उसने शौर्य की हत्या कर दी थी. उसने कहा कि फिरौती के लिए अगवा करने के बाद शौर्य काफी शोर मचाने और विराेध करने लगा था. वह उससे संभल नहीं रहा था. इस कारण बोड़ेया रोड में ही गला दबा कर उसकी हत्या कर दी.

एदलहातू टीओपी प्रभारी लाइन हाजिर

शौर्य के अपहरण व हत्या के मामले में एदलहातू टीओपी प्रभारी जमादार विजय पांडेय को एसएसपी किशोर कौशल ने लाइन हाजिर कर दिया है. उन पर इस मामले में कर्तव्य में लापरवाही बरतने का आरोप लगा है. बरियातू थाने से रिपोर्ट दी गयी थी कि सात मार्च को शव मिलने के बाद एदलहातू में हुए हंगामे को वह नहीं संभाल पाये.

टूर एंड ट्रेवल्स एजेंसी से किराये पर कार ली थी अपहरणकर्ता ने, बिहार का नंबर लगाया था

एसएसपी ने बताया कि अपहरण के लिए आरोपी ने रातू रोड के टूर एंड ट्रेवल्स एजेंसी से किराये पर कार ली थी. पुलिस को चकमा देने के लिए कार में बिहार का नंबर लगा दिया गया था. उन्होंने कहा कि आरोपी संजीव जानता था कि हर दिन शाम में शौर्य सामान लेने के लिए घर से निकलता है. एक मार्च को उसने अपनी बाइक व दो मार्च को कार से शौर्य की रेकी की थी. मौका देख तीन मार्च को संजीव ने शौर्य का अपहरण कर लिया.

उसे लेकर वह बोड़ेया होते हुए रिंग रोड पकड़ कर पुंदाग की ओर जा रहा था. इस दौरान शौर्य शोर मचाने लगा, तो संजीव ने गला दबा कर उसकी हत्या कर दी. हत्या करने के बाद शव को बोरा में डाल कर रस्सी से बांध दिया. बोरा को भारी करने के लिए उसमें शव के साथ ईंटा डाल कर नगड़ी की ओर ले गया और सपारोम तालाब में फेंक कर भाग गया.

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