रांची. झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के अध्यक्ष एल खयांग्ते और मुख्यमंत्री के प्रधान अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार ने सोमवार को ग्लोसरी ऑफ लैंड रेवेन्यू टर्म्स नाम की पुस्तक का विमोचन किया. एटीआइ में हुए आयोजन में वक्ताओं ने कहा कि भू-राजस्व से जुड़े विद्वानों, छात्रों व शोधकर्ताओं द्वारा लंबे समय से ऐसी शब्दावली की आवश्यकता महसूस की जा रही थी. इस क्षेत्र में अब तक एकमात्र प्रामाणिक कार्य 1940 में प्रो एचएच विल्सन द्वारा प्रकाशित न्यायिक और भू-राजस्व शब्दावली थी. लेकिन उसके बाद लागू हुए कई काश्तकारी और राजस्व संबंधी कानूनों के शब्द उसमें शामिल नहीं थे. बताया गया कि डॉ सुनील कुमार सिंह द्वारा लिखित नयी पुस्तक में आधुनिक काश्तकारी, राजस्व कानून और भूमि सर्वेक्षण विधियों से जुड़े महत्वपूर्ण शब्दों को संकलित कर उनकी परिभाषा और व्याख्या दी गयी है. छात्रों और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए उपयोगी यह शब्दावली छात्रों, राजस्व प्रशासन और न्यायिक अधिकारियों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगी. 412 पृष्ठों की इस पुस्तक की कीमत एक हजार रुपये है. इसे क्राउन पब्लिकेशन्स, रांची द्वारा प्रकाशित किया गया है. भूमि विवाद, स्वामित्व और दावों से जुड़े जटिल मुद्दों पर निर्णय लेने में यह पुस्तक मार्गदर्शक बनेगी. मालूम हो कि पुस्तक के लेखक डॉ सुनील कुमार सिंह भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. उन्होंने पटना विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातकोत्तर किया है और स्वर्ण पदक प्राप्त किया था. उनकी पूर्व प्रकाशित कृतियों में प्राचीन भारत में भूमि का स्वामित्व, भू-राजस्व पत्र-पत्रों का संग्रह, झारखंड परिदृश्य, इनसाइड झारखंड और संताल परगना का इतिहास जैसी एक दर्जन से अधिक पुस्तकें शामिल हैं. इस अवसर पर रांची विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो आइके चौधरी, पुस्तक के प्रकाशक राजेंद्र कुमार आर्य, वरिष्ठ पत्रकार बलबीर दत्ता, बैजनाथ मिश्र समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

