सतीश कुमार, रांची.
झारखंड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट जल जीवन मिशन (हर घर नल जल योजना) का हाल खराब है. देश भर के राज्यों में केरल के बाद झारखंड दूसरा सबसे पिछड़ा राज्य है. जल जीवन मिशन योजना में देश भर में केरल सबसे नीचे है. यहां की प्रगति 54.64 प्रतिशत है. वहीं, उसके ऊपर झारखंड की प्रगति 55.05 प्रतिशत है. इस योजना में देश की औसत प्रगति 80.89 प्रतिशत है. ऐसे में राष्ट्रीय औसत से झारखंड लगभग 25 प्रतिशत पीछे है.पड़ोसी राज्यों की स्थिति झारखंड से बेहतर
झारखंड के पड़ोसी राज्यों की स्थिति यहां से बेहतर है. बिहार में जल जीवन मिशन की प्रगति 95.71 प्रतिशत है. वहीं, उत्तराखंड की प्रगति 97.63 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश की प्रगति 90.07 व छत्तीसगढ़ की प्रगति 81.16 प्रतिशत है. जल जीवन मिशन की योजना 15 अगस्त 2019 को शुरू की गयी थी. इस योजना के तहत दिसंबर 2024 तक देश के हर घर में नल से जल पहुंचाना था, लेकिन झारखंड समेत कई राज्यों में काम पूरा नहीं हुआ. इसके बाद केंद्र सरकार ने इस योजना का विस्तार 2028 तक किया है. झारखंड में कुल घरों की संख्या 62,54,032 है. इसमें से 34,42,551 घरों तक ही शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा सका है. अब भी राज्य की लगभग 45 प्रतिशत आबादी चापानल व प्राकृतिक जलस्रोत पर निर्भर है.
सबसे पिछड़े जिलों में शामिल है पाकुड़
देश भर के सबसे पिछड़े जिलों में झारखंड का पाकुड़ जिला शामिल है. यहां पिछले छह वर्षों में सिर्फ 12.81 प्रतिशत घरों तक नल से जल पहुंचाया जा सका है. यहां कुल घरों की संख्या 2,30,356 है. इसमें से 29,518 घरों तक ही शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा सका है. वहीं, गोड्डा जिला की प्रगति 19.33 प्रतिशत है.
11 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के सभी घरों में पहुंचा नल से जल
जल जीवन मिशन के तहत 11 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के सभी घरों में नल से जल पहुंचाया दिया गया है. यहां योजना पूरी हो चुकी है. इनमें गोवा, अंडमान एंड निकोबार आइसलैंड, हरियाणा, तेलंगाना, पांडिचेरी, गुजरात, पंजाब, हिमाचल, अरुणाचल व मिजोरम शामिल हैं.पहली तिमाही में सिर्फ 11 हजार घरों में नल से जल
वित्तीय वर्ष 2025-26 में झारखंड में जल जीवन मिशन योजना की प्रगति काफी धीमी है. पहली तिमाही में झारखंड के लगभग 11 हजारों घरों तक ही नल से जल पहुंचाया गया है. अप्रैल में 5,985, मई में 4,398 व जून माह में सिर्फ 1,053 घरों में शुद्ध पेयजल पहुंचा है. चालू वित्तीय वर्ष में नल जल योजना की प्रगति लगातार घटती जा रही है. कई जिलों में तो काम पूरी तरह से ठप पड़ गया है. राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार से फंड नहीं मिलने के कारण योजना का काम ठप पड़ गया है.
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