19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand: संताल परगना के आयुक्त के फैसलों की होगी समीक्षा गड़बड़ी का आरोप

राजस्व पर्षद ने संताल परगना के प्रमंडलीय आयुक्त के कोर्ट से हुए फैसलों की समीक्षा का निर्देश दिया है. प्रमंडलीय आयुक्त को सेवानिवृत्ति के 10 दिन पहले से कोर्ट का काम नहीं करने का सुझाव दिया है. प्रमंडलीय आयुक्त के अर्द्ध न्यायिक कार्यों में गड़बड़ी के आरोपों की जांच उपायुक्त की समिति करेगी.

Jharkhand News: राजस्व पर्षद ने संताल परगना के प्रमंडलीय आयुक्त के कोर्ट से हुए फैसलों की समीक्षा का निर्देश दिया है. प्रमंडलीय आयुक्त को सेवानिवृत्ति के 10 दिन पहले से कोर्ट का काम नहीं करने का सुझाव दिया गया है. साथ ही प्रमंडलीय आयुक्त के अर्द्ध न्यायिक कार्यों में गड़बड़ी के आरोपों के मद्देनजर उपायुक्त की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने और इसमें आरोप लगाये जानेवालों द्वारा शपथ पत्र से संबंधित कर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने का सुझाव दिया है. राजस्व पर्षद सदस्य अमरेंद्र प्रताप सिंह ने राज्यपाल सचिवालय की ओर से भेजी गयी सूचना के मद्देनजर निर्देश जारी किया है.

राज्यपाल सचिवालय को मिली थीं शिकायतें

राज्यपाल सचिवालय को संताल परगना के प्रमंडलीय आयुक्त के खिलाफ शिकायतें मिली थीं. इसमें कहा गया था कि प्रमंडलीय आयुक्त अपनी सेवानिवृत्ति के अंतिम दिनों में अपरिहार्य कारणों से प्रभावित होकर न्यायालीय कार्यों में फैसला कर रहे हैं. संताल परगना के अधिवक्ताओं ने भी इससे संबंधित शिकायत की थी. राज्यपाल सचिवालय ने इसे मामले के निबटाने के लिए राजस्व पर्षद को भेजा था. राजस्व पर्षद सदस्य ने मामले की समीक्षा के बाद निबटारे के लिए आदेश जारी किया है. इसमें संताल परगना के सभी उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है कि जनवरी से अब तक प्रमंडलीय आयुक्त के कोर्ट से हुए वैसे मामलों की समीक्षा करें, जिसमें उपायुक्त पक्षकार हों और मामला राज्य हित से जुड़ा हो.

सरकारी अधिवक्ता से राय लेकर समय सीमा करें निर्धारित

यदि प्रमंडलीय आयुक्त के कोर्ट के फैसले से राज्य हित पर प्रतिकुल प्रभाव पड़ रहा हो, तो ऐसे मामलों में सरकारी अधिवक्ता से राय लेकर निर्धारित समय सीमा में आवश्यक कार्रवाई करें.राजस्व पर्षद ने अर्द्ध न्यायिक प्रक्रिया के दौरान मुकदमों के निबटारे में उत्पन्न होनेवाले विवादों से बचने के लिए अफसरों को सेवानिवृत्ति के 10 दिन पहले से कोर्ट का काम बंद करने का सुझाव दिया है. साथ ही कोर्ट से फैसला होते ही 48 घंटे के अंदर इ-कोर्ट पोर्टल पर अपलोड करने का निर्देश दिया है, ताकि कोई भी सक्षम पदाधिकारी पर बैक डेटिंग करने का आरोप नहीं लगा सके. राजस्व पर्षद द्वारा जारी आदेश में अर्द्ध न्यायिक कार्यों में अपने ही कोर्ट के फैसले की पुनर्समीक्षा सिर्फ अपवाद स्वरूप ही करने का सुझाव दिया है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें