रांची.
11वीं सिविल सेवा परीक्षा में अनियमितता की शिकायत अभ्यर्थियों ने राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, जेपीएससी के अध्यक्ष व सदस्यों से लिखित रूप में की. अभ्यर्थियों ने कहा है कि उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन डिजिटल माध्यम से किया गया है. आयोग द्वारा जारी एसओपी के तहत अभ्यर्थियों को उत्तरपुस्तिकाएं दिखाने का प्रावधान है. डिजिटली मूल्यांकन में यह संभव नहीं हो सकेगा.उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन अयोग्य शिक्षकों द्वारा कराया गया
पत्र में अभ्यर्थियों ने कहा है कि उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन अयोग्य शिक्षकों द्वारा कराया गया है. नियमानुसार विवि में नियमित शिक्षक के रूप में कम से कम 10 साल सेवा देने या फिर स्नातकोत्तर में कम से कम पांच वर्ष पढ़ाने का अनुभव रखनेवाले शिक्षकों से कराया जाना था, लेकिन उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन अनुबंधित शिक्षकों से भी कराया गया है. परीक्षा प्रक्रिया में थर्ड पार्टी एजेंसी को शामिल किया गया. इससे परीक्षा की गोपनीयता भंग हुई है. एजेंसी का चयन निविदा के माध्यम से नहीं हुआ. अभ्यर्थियों ने यह भी कहा कि अगस्त-सितंबर 2024 में सैकड़ों अभ्यर्थियों का फोन कॉल आया, जिसमें फोन करनेवाले ने अभ्यर्थियों से अंक बढ़ाने के लिए पैसे की मांग की. अभ्यर्थियों ने कहा है कि राज्यपाल ने पूरे मामले की जांच के निर्देश दिये हैं.
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