रांची. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की संस्था भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइएबी) एवं दिव्यायन कृषि विज्ञान केंद्र ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में अनगड़ा प्रखंड के कुचू राजस्व गांव के 50 चयनित किसानों को 200 लीटर, 100 लीटर एवं 50 लीटर क्षमता वाले प्लास्टिक ड्रम का वितरण किया गया. इस पहल का उद्देश्य किसानों को प्राकृतिक कृषि तकनीकों से जोड़ना है. उनको बीजामृत, जीवामृत, दशपर्णी अर्क, नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र एवं अग्निअस्त्र जैसे जैविक घटक स्वयं तैयार करने की जानकारी दी गयी. आइआइएबी इस कार्यक्रम के लिए वित्तीय सहयोग प्रदान कर रहा है.
पक्का गढ़ा बनाने की दी गयी गयी जानकारी
50 चयनित किसानों को गाय के यूरिन हार्वेस्टिंग के लिए पक्का गढ़ा निर्माण की जानकारी दी गयी. 25 किसानों को पांच दिवसीय प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण एवं ढैंचा हरि खाद फसल के लिए 50 किलो बीज दिया गया. मौके पर वरीय वैज्ञानिक डॉ अजीत कुमार सिंह, डॉ मनोज कुमार सिंह आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

