रांची. केंद्रीय श्रम, नियोजन तथा युवा कार्य एवं खेल मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने कहा कि नामकुम में खुला 220 बेड का अस्पताल केवल भवन ही नहीं, सेवा का मंदिर है. यहां के एक-एक डॉक्टर, नर्स सहित सारे कर्मचारी इस मंदिर के पुजारी हैं और यहां इलाज के लिए आने वाले मरीज भगवान हैं. ऐसे में उनकी उत्तम सेवा यहां की जाये. उनका सम्मान किया जाये. उन्होंने कहा कि सेवा परम धर्म व दरिद्र ही नारायण हमारा संस्कार है. इस वजह से स्वास्थ्य सेवा बढ़ रही है. केंद्रीय मंत्री गुरुवार को नामकुम में इएसआइसी के नव विकसित 220 बेड के अस्पताल के उदघाटन के मौके पर बोल रहे थे.
श्री मांडविया ने कहा कि यह अस्पताल श्रम शक्ति का ही परिणाम है. श्रमिकों के श्रम से ही निर्माण कार्य, मैन्युफैक्चरिंग, खदानें आदि चल रही हैं. ऐसे में श्रमिक सम्मान व अभिनंदन के योग्य हैं. आने वाले दिनों में अस्पताल से पांच लाख से अधिक श्रमिकों को स्वास्थ्य सेवा मिलेगी. उन्होंने कहा कि आज सामाजिक सुरक्षा बढ़ी है. आयुष्मान भारत योजना के तहत 60 करोड़ से अधिक लोगों का हर साल पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज हो रहा है. इसकी वजह से लोगों में लाचारी की नौबत नहीं आ रही है. इलाज के लिए साहूकारों के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ रही है. यह मोदी जी की गारंटी है. पूरे देश में श्रमिकों को जितनी भी इलाज की जरूरत है, हम दे रहे हैं. अस्पताल श्रमिकों को रात-दिन सेवा देंगे और ये श्रमिक देश के विकास में सहयोग देंगे. मंत्री ने कहा कि हम श्रमिकों को आयुष्मान के तहत सूचीबद्ध अस्पताल में भी इलाज की सुविधा पर विचार कर रहे हैं.जल्द खुलेगा मेडिकल कॉलेज
कार्यक्रम में केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने कहा कि भारत बदल गया है. आज नया भारत है, जो दुनिया के सामने हाथ नहीं फैलाता. दुनिया से आंख से आंख मिला कर बात करता है. श्री सेठ ने कहा कि यहां जल्द ही मेडिकल कॉलेज की स्थापना होगी, ताकि यहां इलाज की लंबी लकीर खींची जा सके. इससे प्रधानमंत्री के विकसित भारत का संकल्प पूरा होगा. भारत सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र होगा. हम उस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.सारी योजनाओं का समय से सफलतापूर्वक क्रियान्वयन
कार्यक्रम में इएसआइसी की चिकित्सा आयुक्त डॉ दीपिका गोविल ने कहा कि हम सारी योजनाओं का समय से सफलतापूर्वक क्रियान्वयन कर रहे हैं. इस अस्पताल को आगे बढ़ाने में डॉक्टरों से लेकर सारे कर्मियों से अपेक्षा है. अस्पताल शुरू होने के बाद हम लोग मेडिकल कॉलेज शुरू करने की ओर बढ़ेंगे. क्षेत्रीय बीमा आयुक्त (इस्ट जोन) प्रणय सिन्हा ने अतिथियों का धन्यवाद किया. इस अवसर पर इएसआइसी के कई अधिकारी सहित अस्पताल के चिकित्सक व अन्य कर्मी मौजूद थे.मंत्री ने लाभुकों को दी राशि
मौके पर श्रमिकों के आश्रित परिवार में से अनुपमा चौधरी को 8400 रुपये प्रतिमाह का स्वीकृति पत्र व 124880 रुपये एकमुश्त बकाया दिया गया. वहीं आश्रित कविता सिंह को 13981 रुपये प्रतिमाह का स्वीकृति पत्र व एक मुश्त राशि 69434 रुपये दिया गया. स्थायी दिव्यांगता होने पर संदीप कुमार शर्मा को 7200 रुपये प्रति माह व दिलीप कुमार को 8010 रुपये प्रतिमाह तथा मुकेश कुमार बैठा को प्रतिमाह 8496 रुपये की स्वीकृति पत्र दिया गया. वहीं मातृत्व हित लाभ सुनीता कच्छप, नमिता बांडू, रजनी कुमारी, विनिता उरांव को मिला. मो साबिर को चिकित्सा आपूर्ति राशि दी गयी.अस्पताल तीन आधुनिक व एक अतिरिक्त ओटी
इस अस्पताल को 220 बेड हॉस्पिटल के रूप में विकसित किया गया है. इसकी लागत 99.06 करोड़ आयी है. यह चार मंजिला है. जिसमें तीन आधुनिक ओटी व एक अतिरिक्त ओटी है. इसमें 220 सामान्य बेड हैं. 16 आइसीयू बेड, छह आपातकालीन बेड, 21 एनआइसीयू, पीआइसीयू बेड, एक्सरे, अल्ट्रासाउंड, छह डायलिसिस बेड, पांच पोस्ट ऑपरेटिव बेड, पांच प्री ऑपरेटिव बेड आदि हैं. शैक्षणिक वर्ष 2025-26 में यहां 50 सीटों के साथ मेडिकल कॉलेज की स्थापना को मंजूरी मिली हुई है. यहां जेनरल मेडिसीन, सर्जरी, स्त्री रोग, हड्डी रोग, नेत्र, दंत चिकित्सा आदि की सुविधा है. निगम के लाभार्थियों को यहां ओपीडी व आइपीडी की सेवा मिल रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है