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Ranchi news : हाइकोर्ट ने जारी किया अवमानना का नोटिस

हाइकोर्ट ने मुख्य सचिव, नगर विकास सचिव, पेयजल व स्वच्छता सचिव, साहिबगंज उपायुक्त से पूछा : क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाये

साहिबगंज जलापूर्ति योजना के पूरा होने में विलंब होने का मामला

: हाइकोर्ट ने मुख्य सचिव, नगर विकास सचिव, पेयजल व स्वच्छता सचिव, साहिबगंज उपायुक्त से पूछा : क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाये

-मामले की अगली सुनवाई 10 अक्तूबर को होगी.

-मामला साहिबगंज में पाइपलाइन जलापूर्ति योजना के शीघ्र चालू करने का.

रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने साहिबगंज में पाइपलाइन जलापूर्ति योजना को शीघ्र चालू करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जतायी. चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चाैहान व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने राज्य सरकार को पर्याप्त समय देने के बाद भी जलापूर्ति योजना पूरी नहीं होने नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने प्रतिवादियों के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी करने का निर्देश दिया. मुख्य सचिव, नगर विकास सचिव, पेयजल व स्वच्छता सचिव, साहिबगंज के उपायुक्त सहित अन्य प्रतिवादियों से पूछा कि क्यों नहीं आपके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू की जाये. जवाब दायर कर यह बताने का निर्देश दिया कि जलापूर्ति योजना कब पूरी होगी. खंडपीठ ने कहा कि वर्ष 2009 से लोगों को पानी दिलाने के लिए योजना पर काम चल रहा है. वर्ष 2016 में प्रार्थी की जनहित याचिका सरकार के आश्वासन के बाद निष्पादित कर दी गयी थी. अब तक योजना पूरी नहीं हुई है. वर्ष 2009 में योजना की लागत 15 करोड़ थी, जो बाद में बढ़ कर 30 करोड़ की हो गयी. अब प्राक्कलन बढ़ा कर 70 करोड़ करने का प्रयास हो रहा है. दो सितंबर 2024 तथा 10 सितंबर 2024 को दिये गये आदेश का अब तक अनुपालन नहीं करना अवमानना के दायरे में आता है. खंडपीठ ने प्रतिवादियों को नोटिस का जवाब दायर करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता राजीव शर्मा, अधिवक्ता ओम प्रकाश, अधिवक्ता रितेश कुमार ने पैरवी की. उन्होंने खंडपीठ को वर्ष 2024 के सितंबर माह के आदेश का हवाला देते हुए बताया कि 10 सितंबर 2024 को कोर्ट ने कहा था कि योजना का समय पर पूरा नहीं होने के लिए जो भी अधिकारी जिम्मेवार हों, चाहे कार्यपालक अभियंता हों या मुख्य अभियंता हों या अभियंता प्रमुख हों या फिर ठेकेदार हों, उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गयी है. मामले में कार्रवाई की जाये. राज्य सरकार को एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया था. आदेश का अनुपालन राज्य सरकार द्वारा नहीं किया गया है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सिद्धेश्वर मंडल ने हाइकोर्ट में दोबारा जनहित याचिका दायर कर पाइपलाइन जलापूर्ति योजना को शीघ्र चालू कराने की मांग की है.

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