रांची : केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने एचइसी के दो पूर्व निदेशक सहित वर्तमान में कार्यरत दो अधिकारी को बिना टेंडर के ही कार्य देने का दोषी पाया है. इसे लेकर भारी उद्योग मंत्रालय को पत्र लिखा है. पत्र के आलोक में भारी उद्योग मंत्रालय ने एचइसी प्रबंधन से दोषी पाये गये अधिकारियों पर गाइडलाइन के अनुसार कार्रवाई करने की बात कही है. पत्र में सीवीसी ने लिखा है कि तिरुपति औद्योगिक सहयोग समिति लिमिटेड को बिना टेंडर के ही कार्य दिया गया. इसमें एचइसी के पूर्व कार्मिक निदेशक एमके सक्सेना, पूर्व निदेशक उत्पादन डॉ राणा एस चक्रवर्ती, सीनियर डीजीएम कौशिक दास, सीनियर डीजीएम टीयूके सिंह शामिल हैं.
टीए डिविजन के मैनेजर पर लगाया जाएगा आंशिक जुर्माना
वहीं टीए डिविजन के मैनेजर एलएस लुगुन पर आंशिक जुर्माना लगाने की बात कही गयी है. इस मामले में एचएमबीपी के पूर्व महाप्रबंधक जेपी प्रसाद, पूर्व महाप्रबंधक एफएफपी डीएन चौधरी व पूर्व महाप्रबंधक एचएमटीपी डीपी सिंह, पूर्वनिदेशक वित्त अरुंधति पंडा पर कोई कार्रवाई नहीं करने की बात कही गयी है.
Also Read: Video: झारखंड में नक्सलियों की साजिश नाकाम, बूढ़ा पहाड़ इलाके से दो किलो का IED बम बरामद
सप्लाई कर्मियों की बहाली को लेकर तिरुपति औद्योगिक सहयोग समिति को दिया गया था जिम्मा
मालूम हो कि यह कार्रवाई एचइसी में भ्रष्टाचार को लेकर सीवीसी द्वारा की गयी है. जिसमें मनमाना तरीके से तिरुपति औद्योगिक सहयोग समिति को कार्य दिया गया है. समिति को एचइसी में सप्लाई कर्मियों की बहाली को लेकर कार्य दिया गया है. इधर, गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे एचइसी में कर्मियों के 30 माह का वेतन बकाया हो गया है. जिससे कर्मी अपने बच्चों की स्कूल फीस भी जमा नहीं कर पा रहे हैं. इधर, एचइसी आवासीय परिसर में प्रतिदिन नगर प्रशासन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से अवैध निर्माण किया जा रहा है. जबकि एचइसी की वार्षिक रिपोर्ट में पिछले तीन वित्तीय वर्ष से एक इंच जमीन पर अवैध निर्माण नहीं होने की जानकारी दी जा रही है.
Also Read: Hazaribagh Crime: एनटीपीसी के डीजीएम कुमार गौरव हत्याकांड का खुलासा, चार अरेस्ट