रांची (विशेष संवाददाता). रांची विश्वविद्यालय के 124 अतिथि शिक्षकों ने आवश्यकता आधारित शिक्षक के साथ समायोजन के लिए राजभवन के मुख्य द्वार के समक्ष धरना दिया. इतना ही नहीं सभी शिक्षक विवि द्वारा काम नहीं लिये जाने से खफा हो कर सड़क किनारे पकौड़ा छानने का काम किया. अतिथि शिक्षक संघ के बैनर तले बीच-बीच में सभी शिक्षक विवि के कुलपति व उच्च व तकनीकी शिक्षा प्रधान सचिव को पद से इस्तीफा देने का नारा लगा रहे थे. संघ अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद ने कहा कि हेमंत सरकार के अंतिम कैबिनेट में अतिथि शिक्षकों का आवश्यकता आधारित शिक्षक के रूप में सेवा लेने से संबंधित प्रस्ताव पारित किया गया था, लेकिन उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग से जो संकल्प बना वह भ्रामक बना. इस कारण समायोजन की जगह निष्कासन की स्थिति उत्पन्न हो गयी, फलस्वरूप सभी शिक्षक पीएचडी/नेट की डिग्री हासिल करने के बाद भी सड़क पर पकौड़ा छानने का काम कर रहे हैं. जबकि उनकी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा आवश्यकता आधारित शिक्षकों से पहले हुई है. संयोजक डॉ धीरज कुमार सूर्यवंशी ने कहा कि 1609 संकल्प को खारिज किया जाये और उन्हें विवि द्वारा अनुशंसा कर और आवश्यकता आधारित शिक्षक के रूप में सीधे समायोजित कर लिया जाये. राजू हजम ने कहा कि कुलपति और उच्च शिक्षा प्रधान सचिव की गलतियों का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ रहा है. इस अवसर पर राजभवन के समक्ष पकौड़ी बनाने वालों में डॉ रीना कुमारी, दीपशिखा, सूरज विश्वकर्मा, राजू हजम, डॉ ताल्हा नकवी, निहारिका महतो, शाहबाज आलम डॉ नाजिश हुसैन, डॉ अभिषेक, डॉ चक्षु पाठक, पूनम कुमारी, सतीश तिर्की, रफत, आशीष प्रसाद, सबील लकड़ा, डॉ सुल्ताना परवीन आदि शामिल थे.
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