रांची. गोस्सनर कॉलेज में गोस्सनर सिने फेस्ट-4 का आगाज हुआ. सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ फेस्ट की शुरुआत हुई. इसमें मुख्य अतिथि नमन विक्सल कोंगाड़ी, डिप्टी मॉडरेटर राइट रेव मुरल बिलुंग, शिक्षक प्रतिनिधि प्रो. अमर दीप टोपनो, प्रो हेमंत टोप्पो, प्रो सुरेंद्र कुमार और प्रो रंजीत कुमार आदि उपस्थित रहे. विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने कहा कि फिल्में समाज का दर्पण होती हैं, जो समाज के विकास में अहम भूमिका निभाती हैं. तीन दिनों तक चलनेवाले फेस्ट में हिंदी, नागपुरी, कुड़ुख, मलयालम, तमिल, ओडिसी, छत्तीसगढ़ी सहित दूसरी भाषाओं की फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाएगी. महाविद्यालय शासी निकाय के सदस्य सह डिप्टी मॉडरेटर बिशप मुरेल बिलुंग ने कहा कि गोस्सनर सिने फेस्ट 4.0 गोस्सनर कॉलेज का बहुत अच्छा कार्यक्रम है
मोर सुंदर छोटा नागपुर एलबम से हुई शुरुआत
फेस्ट की शुरुआत पहली स्क्रीनिंग मोर सुंदर छोटानागपुर एलबम से हुई, जिसका निर्देशन पुनीत कच्छप ने किया है. इसके बाद राकेश उरांव द्वारा निर्देशित लघु बाल फिल्म “संग ” की स्क्रीनिंग हुई, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा. इस फिल्म में दो बच्चों की दोस्ती को निर्देशक ने बहुत अच्छे तरीके से पर्दे पर दिखाया. म्यूजिक वीडियो अजनबी की स्क्रीनिंग की गयी. वहीं सोहराई डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से संताल जनजाति के जीवन और संस्कृति को दिखाया गया. दूसरे सत्र में फिल्ममेकर निरंजन कुजूर ने भारतीय सिनेमा में आदिवासियों के चित्रण के बारे में चर्चा की. उन्होंने ऋत्विक घटक और सत्यजीत रे की फिल्मों का जिक्र करते हुए उनके योगदान के बारे में बताया. उन्होंने फिल्मों में जनजातीय समुदाय के बारे में विस्तार से चर्चा की. इस सत्र में बिजू टोप्पो भी मौजूद रहे.
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