मनोज सिंह, रांची. सोनाचूर चावल बहुत महंगा हो गया है. चार-पांच माह पहले 80 से 90 रुपये प्रति किलो की दर से बिकने वाला सोनाचूर अब 180 से 190 रुपये किलो बिक रहा है. इसकी कीमत अगले कुछ माह तक इसी तरह रहने की उम्मीद है. एक तरफ सोनाचूर की कीमत सोने की तरह बढ़ गयी है, वहीं अब बासमती पर भी संकट के बादल छा गये हैं. आने वाले तीन-चार माह में इसकी कीमत बढ़ने का अनुमान है. इसके पीछे कारण है पंजाब और हरियाणा में धान की फसल को नुकसान. इस वर्ष खरीफ के मौसम में बारिश के कारण इन राज्यों में फसल को अच्छा-खासा नुकसान हुआ है.
झारखंड में प. बंगाल और छत्तीसगढ़ से आता है सोनाचूर
झारखंड में मुख्य रूप से प. बंगाल और छत्तीसगढ़ से सोनाचूर चावल आता है. बीते साल खरीफ के मौसम में इन दोनों राज्यों में धान की फसल को नुकसान हुआ था. इसका असर अब बाजार पर दिखने लगा है. कम उत्पादन के कारण मांग बढ़ गयी है. इस वजह से प. बंगाल और छत्तीसगढ़ में सोनाचूर की कीमत अचानक चढ़ गयी है. झारखंड के चावल कारोबारी बताते हैं कि प. बंगाल में 160–170 रुपये के आसपास थोक में चावल मिल रहा है. झारखंड आते-आते यह खुदरा में 200 रुपये के करीब पहुंच जा रहा है. आने वाले तीन से चार माह में इसकी कीमत में गिरावट आने की उम्मीद है, जब नयी फसल बाजार में आयेगी. पंडरा थोक मंडी में हर दिन 10 से 12 टन सोनाचूर चावल आता है.
तीन-चार माह बाद बढ़ सकती है बासमती की कीमत
चावल कारोबारी बासमती की कीमत को लेकर भी चिंतित हैं. यहां सबसे अधिक बासमती पंजाब और हरियाणा से आता है. इसकी खपत भी अधिक है. अभी इन राज्यों का बड़ा हिस्सा बाढ़ की चपेट में है, जिससे धान की फसल को नुकसान हुआ है. कारोबारी मानते हैं कि इससे बासमती चावल की कीमत भी चढ़ सकती है.
अन्य चावल की कीमत पर बहुत असर नहीं
अन्य चावल की कीमतों पर बहुत असर नहीं पड़ा है. 30–32 रुपये किलो के आसपास बिकने वाले चावल की कीमत में दो से तीन रुपये की वृद्धि हुई है. लक्खी भोग चावल में भी पिछले तीन-चार माह में चार से पांच रुपये का अंतर आया है. गुड्डे चावल भी 140–150 रुपये के आसपास बिक रहा है. बासमती की कीमत 160 रुपये के आसपास है. इसका वजन 1.2 किलो के आसपास होता है. इसकी कीमत में पांच से 10 रुपये तक का अंतर अलग-अलग दुकानों के आधार पर है.
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