रांची. अखिल भारतीय स्थानीय स्वशासन संस्थान (एआइआइएलएसजी) द्वारा यूरोपीय संघ के सहयोग से चलाये जा रहे गर्ल पावर प्रोजेक्ट के तहत नेशनल एनुअल नेटवर्क मीट का आयोजन किया गया. मौके पर मुख्य अतिथि राज्यसभा सांसद डॉ महुआ माजी ने कहा कि झारखंड में सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी की है. ऐसे में गर्ल पावर प्रोजेक्ट जैसी परियोजनाएं इस समस्या के समाधान में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं. उन्होंने प्रदर्शनी में लगे स्टॉल्स के निरीक्षण के दौरान राज्यभर से आयी महिला उद्यमियों से बातचीत की. इस अवसर पर सहायक निदेशक हस्तशिल्प सेवा केंद्र, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), वस्त्र मंत्रालय पुष्प रंजन, सीएफओ एआइआइएलएसजी देवर्षि पंड्या, तकनीकी निदेशक पश्चिम तिवारी, रामकृष्ण मिशन के सचिव भावेशनंद आदि उपस्थित थे.
पांच हजार से ज्यादा को मिल चुका है प्रशिक्षण
इस परियोजना के माध्यम से पिछले पांच वर्षों में झारखंड के 10 जिलों और 20 ब्लॉकों में पांच हजार से अधिक महिलाओं और युवतियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. यह प्रोजेक्ट महिलाओं और युवतियों के कौशल विकास, उद्यमिता और आर्थिक आत्मनिर्भरता के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किया गया था. इसमें महिलाओं को लाह, बांस, पीतल, महुआ जैसी स्थानीय सामग्री से उत्पाद निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया. 20 मार्केट कनेक्ट सेंटर, 10 उद्यम सहायता केंद्र तथा 100 से अधिक नागरिक समाज संगठनों के नेटवर्क के माध्यम से महिलाओं को सशक्त किया गया.
स्टॉल में दिखे स्थानीय उत्पाद
नेशनल एनुअल नेटवर्क मीट में राज्यभर से आयी महिलाओं ने अपने स्टॉल लगाये, जिसमें उनके तैयार उत्पादों को प्रस्तुत किया गया. हजारीबाग से आयी रितिका व वंशिका ने मिट्टी से तैयार किये गये खिलौने, बोतल के उत्पाद को प्रस्तुत किया. वहीं गुमला से आयी अनीता देवी व नीलम देवी ने मड़ुवा व उड़द से बने उत्पादों को प्रस्तुत किया.
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