17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

काम के लिए नहीं जाना होगा दूसरे राज्य, गांव और पंचायत में ही देंगे रोजगार : हेमंत सोरेन

झारखंड में आ रहे प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार की संभावना की तलाश में मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नामकुम स्थित भारतीय प्राकृतिक रॉल और गोंद संस्थान का भ्रमण किया

रांची : झारखंड में आ रहे प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार की संभावना की तलाश में मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नामकुम स्थित भारतीय प्राकृतिक रॉल और गोंद संस्थान का भ्रमण किया. उन्होंने लाह के उत्पादन प्रसंस्करण और उत्पाद निर्माण की दिशा में किये जानेवाले कार्य और अनुसंधान का जायजा भी लिया. वह लाह की खेती और लाह के उत्पादन में प्रवासी मजदूरों को जोड़ना चाहते हैं. सीएम ने कहा कि झारखंड के मजदूरों-किसानों को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों का रुख नहीं करना पड़े.

मजदूरों का पलायन रुके, इस दिशा में सरकार ने पहल शुरू कर दी है. कोरोना संकट को लेकर लौटनेवाले प्रवासी मजदूरों को अपने ही गांव और पंचायत में रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि झारखंड के संदर्भ में लाह की खेती और उससे तैयार होनेवाले उत्पाद रोजगार का बेहतरीन माध्यम साबित हो सकते हैं. सरकार की कोशिश है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को लाह की खेती से जोड़ा जाये और इसके लिए सभी संसाधन उपलब्ध कराये जायेंगे. इस संस्थान की पूरी दुनिया में अलग पहचान थी मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संस्थान देश का इकलौता संस्थान है, जो लाह की खेती और अनुसंधान के लिए कभी पूरी दुनिया में जाना जाता था.

दुर्भाग्य से यह संस्थान और लाह की खेती आज विषम परिस्थितियों से गुजर रही है . लाह से उत्पाद बनाने की कला विलुप्त होती जा रही है. लेकिन फिर से इसे विकसित करने और रोजगार से जोड़ने के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठायेगी. रोजगार सृजन के लिए कड़ियों को जोड़ने का सिलसिला शुरू मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजन की दिशा में सरकार ने पहल शुरू कर दी है. इस सिलसिले में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित की जानेवाली तीन योजनाओं का शुभारंभ हो चुका है.

रोजगार के क्षेत्र में वैल्यू एडिशन का आकलन सरकार कर रही है और उसी के हिसाब से रोजगार के अवसर लोगों को उपलब्ध कराये जायेंगे. आंतरिक संसाधनों का हो रहा आकलन मुख्यमंत्री ने कहा कि लाखों मजदूर लौट रहे हैं . ऐसे में उनको रोजगार उपलब्ध कराना बड़ी चुनौती है. हमने इस दिशा में अपने आंतरिक संसाधनों का आकलन करना शुरू कर दिया है .

संस्थान के निदेशक डॉ केके शर्मा ने बताया कि वन के साथ इसे कृषि से जोड़ा जाये, तो लोगों को अपने ही गांव और पंचायत में बड़े पैमाने पर रोजगार मिल सकेगा. उन्होंने इसे बिरसा हरित ग्राम योजना से जोड़ने की सलाह भी दी. इस मौके पर विधायक राजेश कच्छप, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, पीआरडी निदेशक राजीव लोचन बख्शी, मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद व अन्य उपस्थित थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें