रांची. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के आह्वान पर बुधवार को रात नौ से सवा नौ बजे तक विभिन्न मुस्लिम मोहल्लों में लोगों ने अपने घरों की बिजली बंद रखी. वक्फ संशोधन कानून के विरोध में यह आह्वान किया गया था. आह्वान के बाद विभिन्न संगठनों ने अपने-अपने स्तर पर लोगों से अपील कर बिजली बंद रखने का आग्रह किया था. इसके बाद लोगों ने अपने घरों व दुकानों आदि की बिजली बंद रखी. सबने कहा कि यह कानून हमें मंजूर नहीं है. यह अभियान रांची सहित झारखंड के दूसरे जिलों में भी चला. अभियान को सफल बनाने में मो जाहिद, शाहनवाज आलम, मो सदाब, दानिश, अदनान, अमजद, मो सालीम, मो सुहैब, इम्तियाज, सोनू, इज्जमाम आदि सक्रिय रहे.
नये कानून में समानता के अधिकार का उल्लंघन : आमया
इस मौके पर आमया संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष एस अली ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाया गया वक्फ संशोधन कानून न सिर्फ़ धार्मिक संस्थाओं पर चोट करता है, बल्कि अल्पसंख्यकों के आत्मनिर्णय, स्वायत्तता की भावना को कुचलता है. कहा कि सरकार जिसे सुधार बता रही है, दरअसल वह अधिकारों पर प्रहार व स्थापित न्यायिक सिद्धांतों को छीनता है. कहा कि संविधान का अनुच्छेद-26 हर व्यक्ति व संस्थानों को अपने धर्म से जुड़ी संपत्तियों के प्रबंधन, संचालन व संधारण करने का अधिकार देता है, लेकिन नये कानून में समानता के अधिकार का उल्लंघन किया गया है. संशोधित अधिनियम अनुसार वक्फ बोर्डों में पदाधिकारी सरकार द्वारा चयनित किये जायेंगे, न कि उनका चुनाव होगा. जब सरकारें सभी लोगों की नियुक्ति करेगी तो संस्था की स्वायत्तता और स्वतंत्रता कैसे सुनिश्चित होगा. सरकार वक्फ एक्ट में लिमिटेशन एक्ट शामिल कर कब्जाधारियों को मालिक बनाना चाहती है. उन्होंने कहा कि वक्फ बाय यूजर और धारा 40 हटाने से मौखिक, सादे कागज और सदियों स्थापित धार्मिक स्थलों को नुकसान हो सकता है. केंद्र सरकार पुनर्विचार कर अविलंब वक्फ संशोधन कानून-2025 वापस ले.
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