रांची.
झारखंड मुक्ति मोर्चा(
झामुमो) के प्रवक्ता डॉ तनुज खत्री ने भाजपा प्रवक्ता रमाकांत महतो के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि झारखंड के इतिहास में यह पहला अवसर है जब शिक्षा नीति को समावेशी और क्षेत्रीय बनाया गया है. उन्होंने कहा कि भाजपा अपनी ही केंद्र सरकार द्वारा लागू की गयी नयी शिक्षा नीति-2020 का झारखंड में विरोध कर रही है.झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रवक्ता डॉ तनुज खत्री ने कहा कि हेमंत सरकार ने नयी शिक्षा नीति को झारखंड की सामाजिक और शैक्षणिक आवश्यकताओं के अनुसार लागू किया है, जबकि भाजपा इसके नाम पर युवाओं को गुमराह करने का प्रयास कर रही है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या भाजपा अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति के भी खिलाफ हो गयी है. डॉ तनुज ने बताया कि हेमंत सरकार द्वारा जारी माध्यमिक आचार्य की नियुक्ति प्रक्रिया में पहली बार राजनीति, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, मानवशास्त्र, दर्शनशास्त्र, गृह विज्ञान, भूगोल, एप्लायड इंग्लिश, कंप्यूटर साइंस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी और डेटा साइंस जैसे समसामयिक और वैश्विक विषयों को शामिल किया गया है. इसके अतिरिक्त, संताली, मुंडारी, नागपुरी, खोरठा, कुरमाली, बांग्ला, उड़िया और उर्दू जैसी स्थानीय भाषाओं को भी माध्यमिक शिक्षा के दायरे में शामिल किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

