26.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

Exclusive: अवैध कमाई को सफेद बनाने की प्रक्रिया को जांचती है ईडी, पढ़ें आलोक आनंद से खास बात की 5वीं कड़ी

फॉर्जरी या चीटिंग में पीएमएलए के तहत ज्यूडिकेशन पर नहीं होता है और न ही ये इन्वेस्टिगेट करते हैं. उस फॉर्जरी से जो प्रोसिड्स ऑफ क्राइम जेनरेट हुआ है और उस क्राइम के जरिए उपलब्ध धन को समानांतर अर्थव्यवस्था में डालने, उसका इस्तेमाल करने, उसको किसी के पास भेजने आदि में जो प्रयास हो रहा है कि नहीं.

विश्वत सेन

रांची : धनशोधन निवारण अधिनियम यानी पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) क्यों और किसके खिलाफ कार्रवाई करती है? आम तौर पर भारत का आम नागरिक ये जानते हैं कि ईडी भ्रष्टाचार के खिलाफ राजनेताओं, व्यवसायियों और विशिष्ट व्यक्तियों को समन भेजकर पूछताछ करता है, लेकिन यह केवल भ्रांति है. मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट की वास्तविकता क्या है, इसके लिए www.prabhatkhabar.in ने झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता आलोक आनंद के साक्षात्कार की पांचवीं कड़ी…

पीएमएलएल में फॉर्जरी या चीटिंग का ज्यूडिकेशन नहीं होता

आलोक आनंद : अब जैसे मान लीजिए कि फॉर्जरी या चीटिंग हो रही है, तो फॉर्जरी या चीटिंग के लिए पीएमएलए के तहत ज्यूडिकेशन पर नहीं होता है और न ही ये इन्वेस्टिगेट करते हैं. उस फॉर्जरी से जो प्रोसिड्स ऑफ क्राइम जेनरेट हुआ है और उस क्राइम के जरिए उपलब्ध धन को समानांतर अर्थव्यवस्था में डालने, उसका इस्तेमाल करने, उसको किसी के पास भेजने आदि में जो प्रयास हो रहा है कि नहीं, ये हमारा स्वअर्जित संपत्ति है और अवैध की जगह वैध बनाने में जो प्रयास होता है, उससे ये ऑफेंस जेनरेट होता है.

सवाल : मतलब कुल मिलाकर ये कहें कि जो ब्लैकमनी है, उसको किसी न किसी तरीके से सफेद बनाने की जो प्रक्रिया है, उसकी जांच ईडी करती है?

आलोक आनंद : अगर ब्लैकमनी है, अगर उसे (प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी को) रिजनेबल एप्रिहेंशन है, रिजनेबल इन्फॉर्मेशन है कि ये जो मनी है, वो ब्लैकमनी है, तो पहले वो इसे कॉन्फिसिकेट करेगी, जो प्रोविजनल अटैचमेंट होता है. पर्सन कन्सर्न को बुलाती है, उसको प्रोविजनली अटैच करती है और उसके बाद वो एडजुकेटिंग अथॉर्टी के पास कॉन्फिस्केशन का मामला चला जाता है, लेकिन कहने का तात्पर्य यह है कि इसीलिए एक्ट में बहुत क्लीयर कहा गया है कि जो कोई भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर धनशोधन के मामले में शामिल है और जानबूझकर सहायता प्रदान करते हैं, वो क्रिमिनल एक्टिविटी जो शिड्यूल ऑफेंस में दिया हुआ है, उससे ये जेनरेट किया हुआ ये पैसा है, उसकी किसी भी प्रक्रिया में, उस पैसे को सेटल करने में अगर आप साथ दिए हैं या उससे संबंधित रहे हैं और इसके बाद भी अगर आप जान रहे हैं कि ये अवैध तरीके से कमाया गया पैसा है और उसे वैध तरीके से कमाए गए धन के रूप में पेश करने में मदद कर रहे हैं, तो यह प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत आता है.

तब फिर ऑफेंस किस चीज पर बनता है?

आलोक आनंद : इतनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ऑफेंस अवैध तरीके से कमाए गए पैसों को छुपाने के मामले में, उस पर अपना दावा पेश करना, उसे एक्वॉयर करना, उसका इस्तेमाल करना, वैध तरीके से कमाई गई संपत्ति के तौर पर पेश करना या दावा भी करना कि नहीं, ये साफ-सुथरा पैसा है. इस पर ईडी इन्वेस्टिगेशन करती है. ईडी इस पर जांच नहीं करती कि भ्रष्टाचार हुआ. भ्रष्टाचार हुआ या नहीं, उसके लिए कोर्ट निर्धारित है. उसका अलग कोर्ट और वह पुलिस, सीबीआई या फिर एसीबी की एफआई पर उसकी सुनवाई कर रहा है.

Also Read: Exclusive: ठगी या धोखाधड़ी के खिलाफ जांच नहीं करती ED, पढ़ें आलोक आनंद से खास बात की चौथी कड़ी
सवाल : पुलिस, सीबीआई और एसीबी द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ दर्ज केस में कोई बरी हो जाता है, लेकिन ईडी की जांच जारी है, तो फिर क्या होगा?

आलोक आनंद : मान लीजिए कि पुलिस, सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) या एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) किसी व्यक्ति के खिलाफ भ्रष्टाचार की एफआईआर दर्ज किया हुआ है और समानांतर तरीके से उस पर भ्रष्टाचार या अवैध कमाई को लेकर प्रवर्तन निदेशालय भी जांच कर रहा है, तो ऐसे मामलों में अगर वह व्यक्ति सामान्य अदालत से बरी हो जाता है, तो उसके बाद ईडी के स्पेशल कोर्ट के पास केवल यह काम इस बात की जांच करने भर बच जाता है कि जो व्यक्ति भ्रष्टाचार के मामले में शामिल था, उसने जो पैसा कमाया था, वह वैध है या नहीं. अगर ईडी की स्पेशल कोर्ट में भी यह साबित हो जाता है कि नहीं, उसके ऊपर जो अपराध आरोपित किया गया, वह गलत है और उसने जो पैसा और उससे जो संपत्ति अर्जित की, वह भी वैध है, तो सामान्य कोर्ट से बरी होने के बाद ईडी के स्पेशल कोर्ट से भी बरी होने के बाद ईडी द्वारा जब्त की गई सारी संपत्ति और पैसे वापस कर दिए जाएंगे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें