Dos and Don’ts For Durga Puja 2025: झारखंड हाईकोर्ट ने दुर्गा पूजा 2025 के अवसर पर सार्वजनिक हित एवं विधि-व्यवस्था के संचालन के लिए पूजा पंडाल समितियों एवं सरकारी अधिकारियों के लिए दिशा-निर्देश जारी करते हुए उनका कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया है. इस संबंध में सभी जिलों के उपायुक्तों ने अपने-अपने जिले में दिशा-निर्देश जारी कर दिया है. संबंधित क्षेत्रीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्राधिकार अंतर्गत स्थित सभी पूजा पंडाल समितियों को हाईकोर्ट के आदेशों से अवगत कराते हुए दिशा-निर्देशों का संप्रेषण करें और उनके अनुपालन की निगरानी करें.
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Dos and Don’ts For Durga Puja 2025: दुर्गा पूजा के दौरान क्या कर सकेंगे और क्या नहीं?
- पूजा पंडाल एवं मूर्ति का निर्माण किसी भी स्थायी निर्माण, मकान, गोदाम, वाणिज्यिक स्थल, सड़क, गली, फुटपाथ अथवा रेलवे लाइन पर नहीं किया जायेगा.
- विद्युत आपूर्ति एवं पंडाल निर्माण से संबंधित समस्त कार्य विभागीय अनुमति एवं मानकों के अनुरूप ही किये जायेंगे.
- श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित एवं सुव्यवस्थित प्रवेश एवं निकास की व्यवस्था की जायेगी, जिसमें महिला एवं पुरुष श्रद्धालुओं के लिए पृथक व्यवस्था अनिवार्य होगी.
- आपातकालीन स्थिति के लिए वैकल्पिक निकास द्वार की व्यवस्था अनिवार्य होगी.
- अस्थायी पंडाल का निर्माण भवन निर्माण विभाग के दिशा-निर्देशों के अनुरूप ही किया जायेगा.
- विद्युत तारों को सुरक्षित रखने के लिए आवश्यक सावधानी बरती जायेगी.
- पंडाल स्थल पर अग्निशमन यंत्र उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा.
- पंडाल परिसर में किसी भी प्रकार की ज्वलनशील सामग्री का प्रयोग नहीं किया जायेगा.
- ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग निर्धारित समय सीमा (रात 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक प्रतिबंधित) के अनुसार ही किया जायेगा.
- विसर्जन यात्रा केवल प्रशासन द्वारा निर्धारित मार्ग, तिथि एवं समय पर ही निकाली जायेगी.
- मूर्ति विसर्जन केवल प्रशासन द्वारा चिह्नित घाटों/स्थलों पर ही किया जायेगा.
- विसर्जन यात्रा में डीजे अथवा उच्च ध्वनि स्तर वाले ध्वनि उपकरणों का प्रयोग वर्जित रहेगा.
- पंडाल परिसर एवं विसर्जन मार्ग पर CCTV कैमरे लगाने की व्यवस्था समिति करेगी.
- किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक अथवा शांति भंग करने वाली गतिविधि वर्जित होगी.
- समिति के सदस्यों द्वारा श्रद्धालुओं के साथ शालीन एवं अनुशासित व्यवहार किया जायेगा.
- पंडाल परिसर में स्वच्छता, पेयजल एवं प्राथमिक उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जायेगी.
- विधि-व्यवस्था एवं शांति-व्यवस्था बनाये रखने के लिए पुलिस बल की तैनाती की जायेगी और समितियों को पुलिस/प्रशासन का सहयोग करना होगा.
- विसर्जन यात्रा में हथियार, लाठी-डंडा या किसी भी प्रकार के घातक वस्तु ले जाना पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा.
- मूर्तियों की ऊंचाई एवं स्वरूप राज्य सरकार/जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप ही होगा.
- विद्युत आपूर्ति के लिए केवल तांबे के तारों का उपयोग किया जायेगा और विद्युत विभाग द्वारा निर्गत एसओपी का पालन करना होगा.
- पंडाल पहुंचने के मार्ग एवं विसर्जन मार्ग पर अतिक्रमण की अनुमति नहीं होगी.
- श्रद्धालुओं के साथ दुर्व्यवहार की किसी भी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
- भीड़ प्रबंधन के लिए केवल एक प्रवेश एवं एक निकास द्वार होगा और आपात स्थिति के लिए अलग निकास की व्यवस्था की जायेगी.
- महिला श्रद्धालुओं एवं कमजोर वर्ग की सुरक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में महिला पुलिस बल की तैनाती होगी.
- विसर्जन यात्रा प्रशासन द्वारा निर्धारित समय एवं मार्ग के अनुसार ही संपन्न होगी.
- बहुमंजिला भवन अथवा असुरक्षित स्थलों पर पंडाल निर्माण पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा.
- दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर संबंधित समिति अथवा पदाधिकारी उत्तरदायी होंगे और उनके विरुद्ध विधिसम्मत कठोर कार्रवाई की जायेगी.
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