लोहरदगा. लोहरदगा जिले के सेन्हा प्रखंड अंतर्गत बरही चटकपुर गांव में ढेला मार होली खेली जाती है. यह पूरे राज्य में प्रसिद्ध है. इसका इंतजार लोगों को साल भर रहता है. ढेला मार होली का आयोजन होली के दूसरे दिन होता है. ढेला मार होली की परंपरा सदियों पुरानी है. बताया जाता है कि होली के दूसरे दिन गाजे-बाजे के साथ धूमधाम से गांव में झांकी निकालते हुए ढेला मार होली खेलने की परंपरा है. इस अवसर पर गांव के लोग देवी मंडप के समीप एकत्रित होकर इस परंपरा को निभाते हैं. बताया जाता है कि ढेला मार होली में खूंटा को हरि बोल के नारा के साथ गांव के युवा लोग उखाड़ने जाते हैं. इस पर वहां मौजूद ग्रामीणों द्वारा ढेला मारा जाता है. हालांकि, इस परंपरा का निर्वहन करने में किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं होती है. ढेला मार होली में हर आयु वर्ग के महिला-पुरुष शामिल होते हैं. ढेला मार होली की तैयारी क्षेत्र के स्थानीय जनप्रतिनिधि व गणमान्य लोगों द्वारा की जाती है. इस अवसर पर बरही गांव में प्रायः घरों में मेहमान के आने की परंपरा है, जो आज तक जारी है. नये दामाद का इस अवसर विशेष स्वागत किया जाता है.
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