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सदन के बाहर पक्ष-विपक्ष का प्रदर्शन, एक दूसरे पर बरसे

सोमवार को विधानसभा में सियासी राजनीति गरम रही. सदन के बाहर पक्ष-विपक्ष के विधायक अलग-अलग मुद्दों के साथ पहुंचे थे.

रांची. सोमवार को विधानसभा में सियासी राजनीति गरम रही. सदन के बाहर पक्ष-विपक्ष के विधायक अलग-अलग मुद्दों के साथ पहुंचे थे. सत्ताधारी विधायकों ने 130वें संविधान संशोधन और एसआइआर के खिलाफ केंद्र सरकार पर बरस रहे थे, तो विपक्षी विधायकों ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले और नगड़ी में रिम्स-2 के निर्माण के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया. सदन के बाहर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा.

बाबूलाल ने उठाया दो मुद्दे, सरकार से मांगा जवाब

प्रतिपक्ष के नेता बाबूलाल मरांडी सदन के बाहर दो मुद्दे उठाये. उन्होंने सूर्या हांसदा एनकाउंटर और नगड़ी में बन रहे रिम्स-2 के निर्माण पर सरकार से जवाब मांगा. उन्होंने कहा कि दोनों मामले आदिवासी हितों से जुड़े हुए हैं. जिस जमीन पर ग्रामीण वर्षों से खेती कर रहे हैं और जिनकी रसीद किसानों के नाम पर है, उसी पर जबरन अस्पताल का निर्माण किया जा रहा है. श्री मरांडी ने कहा कि नगड़ी में जमीन अधिग्रहण के मामले में झारखंड सरकार अपनी ताकत का इस्तेमाल कर रही है. इस जमीन को एक्वायर नहीं किया गया था, बल्कि इसके ऊपर उन्हें खेती-बाड़ी करने की इजाजत दी गयी थी. 2012 में भारतीय प्रबंध संस्थान और ट्रिपल आइआइटी के लिए अधिग्रहण करना था, लेकिन उस समय भी वहां के किसानों ने इसका विरोध किया था. इसके बाद ग्रामीणों ने सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत इस बिरसा कृषि विश्वविद्यालय से जानकारी हासिल किया था. जिसमें, बीएयू ने यह उत्तर दिया कि हमने वहां कोई जमीन एक्वायर नहीं किया है. भाजपा विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में सूर्या हांसदा के खून का हिसाब मांगा. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज सूर्या हांसदा के एनकाउंटर का जवाब मांग. सरकार हत्यारों को बचाना बंद करे.

रिम्स-2 बनेगा, कोई स्थानी नहीं, बाहर के लोगों से बखेड़ा खड़ा कर रहे : डॉ इरफान

रांची. स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि भाजपा सरकार की नीयत ठीक नहीं है. यह निजी स्वार्थ की भावना से प्रेरित है. स्वास्थ्य जैसे संवेदनशील विषय पर भाजपा द्वारा राजनीति ठीक नहीं है. रिम्स-2 बनेगा. हम बीमारी मुक्त झारखंड बनाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलन में कोई भी स्थानीय नहीं है, सभी लोग बाहर से बुलाकर एक बखेड़ा खड़ा करने का प्रयास किया गया है. इस राज्य में और भी तो कई मुद्दे हैं, लेकिन हर मामले में स्वास्थ्य पर राजनीति की जा रही है. उन्होंने कहा कि 130वां संशोधन और एसआइआर जनविरोधी कदम है. ऐसा कानून इस देश पर कलंक है, आप मेजोरिटी में हैं आप चाहे तो पास कर लें लेकिन सबसे बड़ी अदालत जनता की अदालत है, हम वहां जायेंगे. सत्ता पक्ष से जुड़े प्रदर्शन में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की, विधायक राजेश कच्छप जैसे नेताओं ने जोरदार ढंग से अपनी बात रखी. उनका कहना था कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित 130वां संविधान संशोधन आदिवासियों और मूलवासी समुदाय के अधिकारों को कमजोर करने वाला है. उनका आरोप था कि यह संशोधन झारखंड की पहचान और स्वशासन की अवधारणा पर सीधा हमला है. सत्ता पक्ष ने साफ किया कि इस मुद्दे पर वे चुप नहीं बैठेंगे और सदन के भीतर और बाहर दोनों जगह अपनी आवाज बुलंद करेंगे.

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