रांची.
आदिवासी छात्र संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को केंद्रीय अध्यक्ष सुशील उरांव के नेतृत्व में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन से मुलाकात की. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने शिक्षा मंत्री से जनजातीय भाषाओं के शिक्षकों सहित अन्य मुद्दों पर बात की. सदस्यों ने शिक्षा मंत्री से झारखंड के पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों के 102 विद्यालयों में खड़िया सहित सभी जनजातीय भाषाओं में शिक्षकों की नियुक्ति करने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल में राजू उरांव सहित अन्य लोग शामिल थे.पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय रहते हैं
शिक्षा मंत्री को बताया गया कि पांचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय रहते हैं. इनकी प्रमुख भाषाएं खड़िया, कुड़ुख, मुंडारी, संताली हो आदि हैं. ये भाषाएं न केवल सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान की प्रतीक हैं, बल्कि प्रारंभिक एवं माध्यमिक शिक्षा को प्रभावी बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. संघ के प्रतिनिधियों ने कहा कि राज्य के 102 विद्यालयों में मातृभाषा आधारित शिक्षा की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण विद्यार्थियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. इससे न केवल उनकी शैक्षणिक प्रगति बाधित होती है, बल्कि वे अपनी भाषा और सांस्कृतिक जड़ों से भी कटते जा रहे हैं. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में मातृभाषा में शिक्षा को प्राथमिकता देने की स्पष्ट अनुशंसा की गयी है.
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