रांची : नैक की टीम सीयूजे का 20 फरवरी से निरीक्षण करेगी. टीम के सभी सदस्य चेरी-मनातू व ब्रांबे स्थित परिसर का भ्रमण करेंगे. इसके लिए विवि में तैयारी पूरी कर ली गयी है. टीम के सभी सदस्य रांची पहुंच गये हैं. नैक की टीम दूसरी बार निरीक्षण करने विश्व विद्यालय पहुंच रही है. इससे पूर्व नैक द्वारा विवि को बी ग्रेड मिला है.
स्थायी परिसर में शिफ्ट हो गया है विश्व विद्यालय
वर्ष 2009 में स्थापित यह केंद्रीय विश्व विद्यालय रांची अब स्थायी परिसर में शिफ्ट हो गया है. यहां आधारभूत संरचना के साथ 27 अत्याधुनिक प्रयोगशाला, भाषा लैब, कंप्यूटर लैब आदि का निर्माण किया गया है. यहां 18 यूजी-पीजी इंटीग्रेटेड कोर्स चल रहे हैं. जिसमें नयी शिक्षा नीति के साथ चार वर्षीय यूजी और दो वर्षीय पीजी कोर्स संचालित हैं. विवि में 2009 में 20 विषयों में पांच इंटीग्रेटेड यूजी-पीजी कोर्स, 20 विषयों में पीजी कोर्स, नौ स्कूल और 25 विभागों में 22 विषयों में डॉक्टरेट कार्यक्रम की शुरुआत हुई. विवि में वर्तमान में 135 नियमित शिक्षक हैं. 3016 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं.
935 शोध पत्र प्रकाशित हुए
विश्व विद्यालय में 935 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं. इनमें स्कोप्स एच इंडेक्स पांच हैं और वेब ऑफ साइंस इंडेक्स 47 हैं. उन्हें आठ पेटेंट भी प्रदान किये गये हैं. संकाय सदस्यों द्वारा पांच पुस्तकें प्रकाशित की गयी हैं. 32 शोध पुरस्कार भी दिये गये हैं. विवि को आइसीएआर, डीबीटी और यूजीसी आदि से 20 करोड़ रुपये अनुसंधान अनुदान के साथ-साथ दो करोड़ रुपये परमर्श अनुदान राशि प्राप्त हुई है. विवि के दूसरे चरण के विकास के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के पास 400 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है. विवि में 80 कक्षाओं के साथ एक सामुदायिक रेडियो स्टेशन और एक मल्टीमीडिया स्टूडियो भी स्थापित किये गये हैं.
1882 विद्यार्थियों को नौकरी मिली
विवि के 1882 विद्यार्थियों को नौकरी मिली है. 745 विद्यार्थियों ने उच्च शिक्षा और शोध को आगे बढ़ाने का विकल्प चुना और 321 छात्र मध्यम व लघु उद्यमों में लगे हुए हैं. चयनित विद्यार्थियों का औसत पैकेज पांच लाख रुपये प्रतिवर्ष है. विवि जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के विकास पर विशेष ध्यान दे रहा है. लुप्तप्राय भाषाओं के लिए सेंटर फॉर इंडेजर्ड लैंग्वेज स्वीकृत किया गया है.