रांची. रेपो रेट में कटौती करने के आरबीआइ के निर्णय का झारखंड कंज्यूमर प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर एसोसिएशन (जेसीपीडीए) ने स्वागत किया है. एसोसिएशन ने कहा है कि इससे फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स सेक्टर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. इससे मांग में बढ़ोतरी संभव है. जेसीपीडीए के अध्यक्ष संजय अखौरी ने कहा कि ऐसे समय में जब महंगाई से उपभोक्ता परेशान हैं, तब रेपो रेट में कमी होने से उपभोक्ता वस्तुएं सस्ती होंगी. इससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में खपत में सुधार आयेगा. सरकार की यह पहल खपत के लिहाज से सकारात्मक है. ग्रामीण और शहरी दोनों स्तर पर डिस्क्रेशनरी खर्च और मांग को बढ़ावा मिलेगा.
लिक्विडिटी का फ्लो बढ़ेगा
श्री अखौरी ने कहा कि रेपो रेट में 50 आधार अंकों की कमी बाजार की उम्मीद से अधिक है. अब रेपो रेट छह फीसदी से घट कर 5.50 फीसदी रह गयी है. कम ब्याज दरों का सकारात्मक असर घरों और कारों की बिक्री पर तो पड़ता ही है, साथ ही यह पूरी अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी को बढ़ा कर ग्रोथ प्रदान करता है. उन्होंने यह भी कहा कि रेपो रेट में कटौती से मार्केट में लिक्विडिटी का फ्लो बढ़ेगा, इससे अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी. यह बदलाव एफएमसीजी क्षेत्र के लिए एक मजबूत अवसर पेश करेगा. इससे नये निवेश को बढ़ावा मिलेगा और कंजम्पशन साइकिल में सुधार आयेगा.
आरबीआइको कठोर निर्णय लेना चाहिए
जेसीपीडीए ने चिंता जतायी कि आम तौर पर ऐसी शिकायतें मिलती हैं कि आरबीआइ द्वारा रेपो रेट कम करने के बाद भी संबंधित बैंक बहाना बना कर अपने रेट ऑफ इंटरेस्ट को कम नहीं करते हैं. इस पर सरकार या आरबीआइ को कठोर निर्णय लेते हुए संबंधित बैंकों को भी अपने लोन पर कमी करने का निर्देश देना चाहिए.
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