रांची. रिम्स में कार्यरत अन्नपूर्णा यूटिलिटी सर्विसेज के सफाईकर्मियों ने वेतन की मांग को लेकर गुरुवार को धरना दिया. कर्मचारियों ने बिना सूचना दिये सुबह छह बजे से ही काम करना बंद कर दिया था. इससे रिम्स ओपीडी, वार्ड, जांच घर और कार्यालय में सफाई व्यवस्था प्रभावित हो गयी. कर्मचारी सबसे पहले उपाधीक्षक कार्यालय के समक्ष एकत्र हुए और फिर धरना पर बैठ गये. इसके बाद कर्मियों ने सेंट्रल इमरजेंसी के बाहर और प्रशासनिक बिल्डिंग के समक्ष भी धरना प्रदर्शन किया.
क्या कहना है प्रबंधन का
इधर, रिम्स प्रबंधन का कहना है कि सफाई कर्मचारियों ने बिना सूचना दिये काम ठप कर दिया. रिम्स की सेवाएं अतिआवश्यक श्रेणी में आती हैं, जिसे बाधित करना दंडनीय है. ऐसे में अन्नपूर्णा यूटिलिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड पर आवश्यक सेवाओं को बाधित करने के लिए एफआइआर दर्ज करायी जायेगा. हालांकि, दो बजे रिम्स प्रबंधन के आश्वासन पर कर्मचारियों ने काम शुरू कर दिया.
एजेंसी कर्मचारियों को गुमराह करती है
रिम्स प्रबंधन का कहना है कि अन्नपूर्णा यूटिलिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को कर्मियों से संबंधित वेतन का भुगतान दिसंबर तक कर दिया गया है. जनवरी का विपत्र एजेंसी द्वारा फरवरी के अंत में जमा किया गया. वहीं, फरवरी का विपत्र अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है, जबकि एजेंसी को हर महीने की सात तारीख को विपत्र रिम्स में जमा करना है. एजेंसी को जिम्मा देते हुए यह शर्त रखी गयी थी कि किसी वजह से अगर भुगतान में देरी होता है, तो कर्मचारियों का वेतन एजेंसी द्वारा दिया जायेगा. लेकिन, एजेंसी कर्मचारियों को हमेशा गुमराह करती रहती है. रिम्स अधिकारियों द्वारा जब भी निरीक्षण किया गया, तो उस दौरान परिसर में सफाई संतोषजनक नहीं मिली है. निर्देश के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हुआ. ऐसे में रिम्स निदेशक डॉ राजकुमार ने एजेंसी को ब्लैकलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है. वहीं, अधीक्षक को सफाई के लिए निविदा प्रक्रिया शीघ्र जारी करने को कहा गया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है