21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

आप समस्या बतायें, हम समाधान देंगे, सीआईडीसी-मेकॉन के कॉन्क्लेव में बोले पीआर स्वरूप

CIDC News: कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री डेवलपमेंट काउंसिल (CIDC) के डायरेक्टर जनरल ने सीआईडीसी-मेकॉन की ओर से रांची में आयोजित ‘न्यू जेन पावर, इलेक्ट्रिकल एंड ऑटोमेशन सॉल्यूशंस फॉर मेटल एंड माइनिंग इंडस्ट्री - वेंडर इम्पावरमेंट कॉन्क्लेव’ में स्टील एंड मेटल सेक्टर में काम कर रही कंपनियों से कहा कि आपके पास जो भी समस्या है, हमें बतायें, हम उसका समाधान देंगे.

CIDC News: झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को सीआईडीसी और मेकॉन ने ‘न्यू जेन पावर, इलेक्ट्रिकल एंड ऑटोमेशन सॉल्यूशंस फॉर मेटल एंड माइनिंग इंडस्ट्री – वेंडर इम्पावरमेंट कॉन्क्लेव’ का आयोजन किया. कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए सीआईडीसी के डायरेक्टर जनरल ने देश के अलग-अलग हिस्से से आये वेंडर्स (कंपनियों) से कहा कि भारत में उद्योगों के पास जो भी समस्या है, हमें बतायें. हम उसका समाधान देंगे. उन्होंने कंपनियों के प्रतिनिधियों और प्रमुखों को बताया कि सरकार के ‘विकसित भारत’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्य के रास्ते में क्या-क्या समस्याएं हैं, उनसे निबटने के लिए क्या करना है और कैसे करना है.

मोटिवेटेड टीम बनायें, इन्फ्रा डेवलप करें – पीआर स्वरूप

पीआर स्वरूप ने कहा कि इस कॉन्क्लेव में जो चर्चा हुई है, उसे आगे बढ़ायें. अपनी कंपनी के लोगों के साथ शेयर करें. इस अभियान को सफल बनाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि आपके पास मोटिवेटेड टीम हो. आपको लोग तैयार करने होंगे. कॉलेज से डिग्री लेकर आने वाले इंजीनियर नहीं, फील्ड इंजीनियर समस्या का समाधान देंगे. उन्होंने कहा कि हमारे देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है. इसका यह कतई मतलब नहीं कि हम आधारभूत संरचनाओं का अत्यधिक दोहन करें. हमें इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने होंगे. इसमें सीआईडीसी (Construction Industry Development Council) उद्योगों और शिक्षण संस्थानों की मदद करने के लिए तैयार है.

अंतरराष्ट्रीय मानक अपनाने होंगे, फील्ड इंजीनियर तैयार करना होगा

उन्होंने यह भी कहा कि कई ऐसे मानक तय कर दिये गये हैं, जिसकी वजह से काम में समस्या आती है. उन मानकों में बदलाव की जरूरत है. अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानक हमें अपनाने होंगे. उन्होंने कहा कि आधारभूत संरचनाओं का अत्यधिक दोहन करने की बजाय नये इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करें. सीआईडीसी के डायरेक्टर जनरल ने कहा कि हमारे देश में यूनिवर्सिटी के बड़े-बड़े भवन तो हैं, लेकिन उनमें लैबोरेटरी नहीं है, जहां छात्र प्रयोग कर सकें. शोध कर सकें. इसलिए अब हमें स्किल्ड इंजीनियर नहीं मिलते. विश्वविद्यालयों में सिर्फ बीटेक की डिग्री मिलती है. हमें विश्वविद्यालयों में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करने होंगे, ताकि हम फील्ड इंजीनियर तैयार कर सकें.

झारखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

प्रोफेशनल इंजीनियर चाहिए, थियोरेटिकल नहीं – CIDC

पीके स्वरूप ने कहा कि एक विश्वविद्यालय में इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए कम से कम 20 प्रयोगशाला की जरूरत होती है. क्या हमारे देश के विश्वविद्यालयों में इतनी प्रयोगशालाएं हैं. इसका जवाब है, नहीं. उन्होंने कहा कि इस कमी को दूर करने की दिशा में भी काम हो रहा है. देश के विश्वविद्यालयों में संचालित हो रहे इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों को उद्योगों के अनुरूप ट्रेनिंग दिलवाने के लिए उसी राज्य में इंडस्ट्री पार्क स्थापित होंगे. यहां से हमें प्रोफेशनल इंजीनियर मिलेंगे. हमें सिर्फ प्रोफेशनल इंजीनियर चाहिए, थियोरेटिकल इंजीनियर नहीं.

भारत को आत्मनिर्भर बनाने में भागीदारी निभानी है, तो मानव संसाधन तैयार करें

इतना ही नहीं, पीआर स्वरूप ने कॉन्क्लेव में शामिल होने वाली कंपनियों के प्रमुखों और प्रतिनिधियों से कहा कि अगर देश को आगे ले जाना है, देश को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने में भागीदारी निभानी है, तो आपको मानव संसाधन तैयार करने होंगे. नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करने के लिए इंजीनियर तैयार करने होंगे. कंपनियां किसी भी बैकग्राउंड वाले अपने कर्मचारी को नॉमिनेट करें. मेकॉन और सीआईडीसी उनका स्किल डेवलप करके उन्हें बैचलर ऑफ वोकेशनल इंजीनियर की डिग्री देगा. वह मान्यताप्राप्त डिग्री होगी.

‘सीईआईडीसी के ‘वेंडर’ बनें, अपने स्टाफ को ट्रेंड करें’

सीआईडीसी के डीजी ने कहा कि हम ऐसा प्रशिक्षित कैडर तैयार करेंगे, जो उद्योगों की जरूरतों को पूरा करेगा. उन्होंने उद्योगों से अपील की कि वे सीआईडीसी की वेबसाइट खुद को ‘वेंडर’ के रूप में रजिस्टर करें. अपने लोगों को नॉमिनेट करें, ताकि वे ट्रेंनिंग लेने के बाद कंपनी के लिए ज्यादा प्रोडक्टिव साबित हों.

इसे भी पढ़ें

‘विकसित भारत’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर रांची में हुआ मंथन, शामिल हुईं देश की ये बड़ी कंपनियां

Double Bonanza : माइनिंग एक्सप्लोरेशन एजेंसी बनी मेकॉन, SAIL-ISP से मिला 25 करोड़ का ठेका

चंद्रयान-3 : मेकॉन के 50 इंजीनियर्स की टीम ने इसरो के लिए डिजाइन किया था लांचिंग पैड

मेकॉन को मध्यप्रदेश में मिला प्रतिष्ठित आईईआई इंडस्ट्री एक्सलेंस अवार्ड

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Mithilesh Jha
Mithilesh Jha
प्रभात खबर में दो दशक से अधिक का करियर. कलकत्ता विश्वविद्यालय से कॉमर्स ग्रेजुएट. झारखंड और बंगाल में प्रिंट और डिजिटल में काम करने का अनुभव. राजनीतिक, सामाजिक, राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय विषयों के अलावा क्लाइमेट चेंज, नवीकरणीय ऊर्जा (RE) और ग्रामीण पत्रकारिता में विशेष रुचि. प्रभात खबर के सेंट्रल डेस्क और रूरल डेस्क के बाद प्रभात खबर डिजिटल में नेशनल, इंटरनेशनल डेस्क पर काम. वर्तमान में झारखंड हेड के पद पर कार्यरत.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel