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Ranchi News : विश्वास में विज्ञान को नहीं ला सकते : देवदत्त पटनायक

जाने-माने माइथोलॉस्टि और साहित्यकार डॉ देवदत्त पटनायक ने सोमवार को कोल इंडिया के गोल्डेन जुबली लेक्चर सीरिज के तहत आइआइसीएम में व्याख्यान दिया.

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रांची (वरीय संवाददाता). देश के जाने-माने माइथोलॉस्टि और साहित्यकार डॉ देवदत्त पटनायक ने सोमवार को कोल इंडिया के गोल्डेन जुबली लेक्चर सीरिज के तहत इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कोल मैनेजमेंट (आइआइसीएम) में व्याख्यान दिया. व्याख्यान का विषय था : आधुनिक विश्व में मिथकों की प्रसांगिकता. आइआइसीएम के सभागार में आयोजित व्याख्यान में डॉ पटनायक ने कहा : विश्वास का अपना महत्व है. इसमें आप विज्ञान नहीं ला सकते हैं.

डॉ पटनायक ने कहा कि विज्ञान एक न्यूमिरिकल (गणना आधारित) आकलन है. वहीं विश्वास का कोई मापदंड नहीं होता है. इसकी ना तुलना होती है ना ही प्रमाण. यह सच है झूठ इसको भी तय नहीं कर सकते हैं. बस यह मान लीजिए कि विश्वास करने वालों की सारी बातें सच होती है. विश्वास करने वाले सच का अध्ययन करते हैं, तो उसे माइथोलॉजी (पौराणिक कथा) कहते हैं. इसकी भाषा रीति रिवाज, मूर्तिकला आदि है.

विज्ञान की दुनिया अहंकार की है

डॉ पटनायक ने कहा : विज्ञान की दुनिया अहंकार की है. अहंकार की दुनिया में गणित होता है. एक-दूसरे से तुलना की जाती है. उसके पीछे तर्क होता है. साइंस इज द वर्ल्ड ऑफ लिमिटेड ट्रूथ (विज्ञान कुछ सच्चाई की दुनिया है), लेकिन पूरी नहीं. विज्ञान में घमंड होता है. आत्मा (विश्वास) की दुनिया में तुलना नहीं होती है. ब्रह्म को जानना है तो तुलना की दुनिया से निकलना होगा. भगवान निर्गुण और निरंकार हैं. विज्ञान की दुनिया से बाहर हैं. इस कारण जैसा विश्वास होगा, वैसा ही व्यापार होगा. वैसा ही व्यवहार होगा. माइथोलॉजी कहानी की दुनिया है. इसमें विश्वास ही शक्ति है. विश्वास का जन्म भूख और भय से होता है.

…आत्मा को तो छू जाता है

भगवान राम और गिलहरी की कहानी सच है या झूठ, यह तो नहीं बता सकता. लंका जाने के लिए जब सभी वानर हिमालय से पत्थर लेकर समुद्र तट को भर रहे थे, उसी वक्त एक गिलहरी भी छोटा टुकड़ा लेकर आगे बढ़ रही थी. भगवान राम की नजर उस पर थी. भगवान राम ने गिलहरी के प्रयास के कारण उसके पीठ पर हाथ फेरा. कहा जाता है कि गिलहरी की पीठ पर भगवान राम ने हाथ फेरा तो वानर नाराज हो गये थे. वही हाथ का निशान अब भी गिलहरी के पीठ पर दिखता है. यह पूरी तरह विश्वास का मामला है, लेकिन आत्मा को छू जाता है.

सीसीएल में हुआ लाइव टेलीकास्ट

अतिथियों का स्वागत आइआइसीएम की कार्यपालक निदेशक डॉ कामाक्षी रमण ने किया. इस मौके पर सीसीएल के निदेशक (वित्त) पवन कुमार मिश्रा, निदेशक (मानव संसाधन) हर्ष नाथ मिश्र, मुख्य सतर्कता अधिकारी पंकज कुमार भी मौजूद थे. इस कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट सीसीएल के संगम कन्वेंशन हॉल में किया गया. इसमें बड़ी संख्या में अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने हिस्सा लिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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