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बीआइटी सिंदरी को मिलेगा विश्वविद्यालय का दर्जा, बनेगी फैकल्टी डेवलपमेंट एकेडमी

झारखंड सरकार बीआइटी सिंदरी को आइआइटी के समतुल्य बनाने व इसे विवि का दर्जा दिलाने की कार्रवाई कर रही है. जबकि राज्य में उच्च व तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने, गुणवत्तायुक्त शिक्षा तथा अनुसंधान के क्षेत्र में विकास के लिए कई महत्वाकांक्षी योजना लागू कर रही है.

झारखंड सरकार बीआइटी सिंदरी को आइआइटी के समतुल्य बनाने व इसे विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने की कार्रवाई कर रही है. जबकि राज्य में उच्च व तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने, गुणवत्तायुक्त शिक्षा तथा अनुसंधान के क्षेत्र में विकास के लिए कई महत्वाकांक्षी योजना लागू कर रही है. विद्यार्थियों को रोजगार के लिए प्रोत्साहित करने तथा उच्चतर शिक्षा के लिए कई फेलोशिप तथा प्रोत्साहन राशि देने का कार्य किया जा रहा. यह जानकारी शुक्रवार को राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव राहुल पुरवार ने विभाग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. इस अवसर पर उच्च शिक्षा निदेशक गरिमा सिंह भी उपस्थित थीं. श्री पुरवार ने कहा कि राज्य सरकार पांच करोड़ रुपये की लागत से नेतरहाट (कर्क रेखा के साथ) में एक राज्य स्तरीय एस्ट्रो पार्क स्थापित करने का निर्णय लिया है. वहीं बीआइटी सिंदरी परिसर में प्रथम श्रेणी का विज्ञान केंद्र स्थापित करने की भी योजना तैयार की है. 16.80 करोड़ रुपये की अनुमानित राशि के साथ पांच सरकारी पॉलिटेक्निक में राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद से साझेदारी कर इनोवेशन केंद्र स्थापित की जायेगी.

गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के लिए आए एक लाख आवेदन

श्री पुरवार ने कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत अब तक एक लाख आवेदन आये हैं. विभाग द्वारा शीघ्र ही पोर्टल तैयार कर इसे अपलोड करेगा व इस योजना के तहत मात्र चार प्रतिशत साधारण ब्याज पर 15 लाख रुपये ऋण देने की कार्रवाई करेगा. कोर्स पूरा करने के बाद ही विद्यार्थी को राशि लौटानी होगी. 2,000 से अधिक विद्यार्थियों के लिए 500 करोड़ रुपये वितरित किये जायेंगे. इस योजना के तहत छात्राअों को 0.5 प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिया जायेगा. एकलव्य प्रशिक्षण योजना के तहत विद्यार्थियों को यूपीएससी, जेपीएससी, बैंक, रेलवे में नौकरी प्राप्त करने के लिए नि:शुल्क कोचिंग की व्यवस्था की जा रही है. 25 कोचिंग संस्थानों को सूचीबद्ध किया जा रहा है. विद्यार्थी को 2,500 रुपये भी दिये जायेंगे. नामांकन के लिए विद्यार्थी को झारखंड से 12वीं उत्तीर्ण होना आवश्यक होगा. इस योजना में 27,000 विद्यार्थियों को लाभ होगा.

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45 कोचिंग संस्थानों को सूचीबद्ध कर रही सरकार

सरकार मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना के तहत 45 कोचिंग संस्थानों को सूचीबद्ध कर रही है. इसमें इंजीनियरिंग, मेडिकल, क्लैट, सीए-सीपीटी, होटल मैनेजमेंट, मास कम्यूनिकेशन, फैशन डिजाइनिंग आदि कोर्स में नामांकन के लिए कोचिंग करायी जायेगी. प्रधान सचिव ने कहा कि शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए सीएम फेलोशिप योजना लागू कर रही है. इसमें स्नातक स्तर पर 1,500 रुपये व स्नातकोत्तर स्तर पर 2,000 रुपये दिये जायेंगे. नेट/सीएसआइआर नेट उत्तीर्ण को 25,000 रुपये व जेट उत्तीर्ण को 22,500 रुपये प्रतिमाह चार वर्ष की अवधि के लिए दी जायेगी. प्रतिवर्ष एक हजार विद्यार्थी लाभान्वित होंगे.

प्राइवेट विवि पर नकेल कसने के लिए मॉडल एक्ट बना रही सरकार

श्री पुरवार ने बताया कि राज्य सरकार ने प्राइवेट विवि पर नकेल कसने के लिए मॉडल एक्ट बना रही है. जिसमें पुराने व नये विवि शामिल होंगे. अर्हता पूरी नहीं करनेवाले विवि को विभाग की ओर से नोटिस जारी किया गया है. जवाब मांगा गया है. संतोषजनक जवाब नहीं रहने पर कार्रवाई होगी. सरकार इस बार दिव्यांग व अनाथ विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना लागू कर रही है. डिजिटल सशक्तीकरण और ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है. शोध, इनोवेशन, स्टार्टअप को प्रोत्साहन देने के लिए झारखंड अनुसंधान, नवाचार और स्टार्ट अप प्रमोशन बोर्ड का गठन किया जा रहा है. गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए झारखंड राज्य फैकल्टी डेवलपमेंट एकेडमी की स्थापना की जा रही है. इसमें शिक्षकों को अप टू डेट रखने के लिए क्षमता निर्माण कराया जायेगा. इसके अलावा भारतीय भाषाओं और भारतीय ज्ञान प्रणाली को प्रोत्साहित करने के लिए शोध कार्य को बढ़ावा दिया जा रहा है.

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कॉलेजों में शिक्षक-विद्यार्थी अनुपात पर दिया जा रहा विशेष ध्यान

श्री पुरवार ने कहा कि अब प्रत्येक कॉलेज में प्रत्येक कोर्स में शिक्षकों और विद्यार्थियों के अनुपात पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. गोड्डा व बोकारो में नये इंजीनियरिंग कॉलेज खोले जा रहे हैं. विवि में वोकेशनल कोर्स संचालन के लिए गाइडलाइन जारी की जा रही हैं. 2015 में नियुक्त गेस्ट फेकल्टी को आवश्यकता आधारित शिक्षक की श्रेणी में नियमानुसार लाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब बीएड दो वर्ष की जगह चार वर्ष के होंगे, इसके लिए विभाग के स्तर पर पॉलिसी बनाने का कार्य चल रहा है. प्रत्येक विवि व कॉलेज में खेल व आर्ट एंड कल्चर को बढ़ावा दिया जा रहा है. नयी शिक्षा नीति लागू करते हुए शिक्षण संस्थानों के आधारभूत संरचना दुरूस्त कराये जा रहे हैं. अब नैक ग्रेडिंग के आधार पर ही कॉलेजों को अनुदान दिया जायेगा. ग्रेडिंग कम रहने पर संबद्धता समाप्त कर दी जायेगी. वहीं अब कॉलेजों को संबद्धता देने के लिए पोर्टल तैयार हो रहा है. बीएयू की मदद से बायोटेक्नोलॉजी पार्क तैयार हो रहा है. विवि व कॉलेजों में वित्तीय अनियमितता रोकने के लिए कार्ययोजना तैयार हो रही है. संस्थानों में महिला सुरक्षा की पॉलिसी बनायी जा रही है.

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