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Birsa Biological Park News| ओरमांझी (रांची), रोहित लाल महतो : झारखंड की राजधानी रांची के ओरमांझी स्थित प्रसिद्ध भगवान बिरसा जैविक उद्यान की ‘मिष्टी’ नहीं रही. जैविक उद्यान की इकलौती मादा जिराफ की बुधवार देर रात मौत हो गयी. अपने बाड़े में फिसलकर गिरने की वजह से उसकी मौत हुई. गुरुवार को रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय के पैथोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ एमके गुप्ता के नेतृत्व में उद्यान परिसर में पशु चिकित्सकों की एक टीम ने ‘मिष्टी’ का पोस्टमार्टम किया. गहन जांच के लिए मादा जिराफ के विभिन्न अंगों का सैंपल लेकर रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय भेजा गया है.
8 अगस्त को कोलकाता से आयी थी मादा जिराफ
मादा जिराफ मिष्टी को 8 अगस्त 2025 को जैविक उद्यान चकला ओरमांझी लाया गया था. कोलकाता के वन्य प्राणी उद्यान अलीपुर से जीव आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत रांची को मादा जिराफ मिली थी. उसकी उम्र करीब 6 वर्ष थी. किसी जू में जिराफ की औसत आयु 19 से 20 वर्ष होती है. अगर वह जंगल में रहे, तो उसकी उम्र अमूमन 17 से 18 साल तक होती है.

पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गयी थी ‘मिष्टी’
जिराफ मुख्यतः अफ्रीका के पूर्वी एवं मध्य भागों केन्या, दक्षिण सूडान, चाड, नाइजर एवं मध्य अफ्रीका गणराज्य के कुछ संरक्षित क्षेत्रों में पाये जाते हैं. जैविक उद्यान चकला ओरमांझी में इस जिराफ के आने के बाद से पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही थी. मिष्टी रांची के इस जैविक उद्यान में आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र थी.
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Birsa Biological Park: बिरसा उद्यान आये पर्यटक हुए निराश
गुरुवार को भगवान बिरसा मुंडा जैविक उद्यान घूमने आये पर्यटकों ने जिराफ को नहीं देखा, तो वे मायूस हो गये. मिष्टी की मौत के बारे में जानकारी लेने के लिए प्रभात खबर के प्रतिनिधि ने उद्यान के निदेशक जब्बर सिंह और वन क्षेत्र पदाधिकारी राम बाबू कुमार को लगातार फोन किया, लेकिन दोनों के फोन बंद थे.
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