सुनील चौधरी(रांची). झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड(जेबीवीएनएल) में कनीय अभियंता(जेइ) और ऊर्जा मित्र(मीटर रीडर) जान-बूझकर या लापरवाही से बिलिंग में भारी गड़बड़ी कर रहे हैं. इससे निगम को राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है. बिल में गड़बड़ी की शिकायतें मिलने पर जेबीवीएनएल द्वारा जांच की गयी, जिसमें यह मामला उजागर हुआ है. इस पर जेबीवीएनएल के मुख्य महाप्रबंधक (एपीटी) श्रवण कुमार ने सभी एरिया बोर्ड के जीएम और सर्किल के अधीक्षण अभियंताओं को पत्र लिखा है. उन्होंने संबंधित उपभोक्ताओं के बिलों की जांच करने और दोषी ऊर्जा मित्रों व अन्य कर्मचारियों को चिह्नित करते हुए 15 दिनों के अंदर रिपोर्ट मांगी है. पत्र के साथ बतौर नमूना 239 दोषी उर्जा मित्रों व कर्मचारियों और संबंधित उपभोक्ताओं की सूची भी दी गयी हैं. इन्हें जांच के दायरे में लाया जायेगा और संबंधित ऊर्जा मित्रों पर कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं.
क्या लिखा है पत्र में
सभी एरिया बोर्ड के जीएम और सर्किल के अधीक्षण अभियंताओं को जारी पत्र में मुख्य महाप्रबंधक ने लिखा है कि कई बिलों की जांच में पता चला है कि ऊर्जा मित्र की लापरवाही से ऐसा हो रहा है. इस संबंध में पहले भी एक रिपोर्ट मांगी गयी थी, लेकिन वह अब तक नहीं मिली है. इसे अधिकारियों की लापरवाही माना जा रहा है. पत्र में सभी उप-महाप्रबंधकों (विद्युत आपूर्ति अंचल) और उप-महाप्रबंधकों (राजस्व) को निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सहायक विद्युत अभियंताओं के माध्यम से कुछ उपभोक्ताओं के बिलों की जांच करें. इस जांच में दोषी पाये गये ऊर्जा मित्रों व अन्य कर्मचारियों का विवरण, कार्यकारी विद्युत अभियंता व अधीक्षण विद्युत अभियंता की टिप्पणी और सिफारिशों के साथ 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट भेजें. पत्र में यह भी कहा गया है कि यह कदम बिजली उपभोक्ताओं के लिए सही बिलिंग सुनिश्चित करने और विभाग के राजस्व की रक्षा करने के उद्देश्य से उठाया गया है.
बिजली बिल में ऐसे की जा रही गड़बड़ी
जेबीवीएनएल की जांच में पता चला है कि कुछ कर्मचारी कई महीनों तक बिल जारी नहीं करते. मीटर की वास्तविक रीडिंग के बजाय मनमाने ढंग से कम रीडिंग पर बिल बनाते हैं, शून्य एमडीआइ (जीरो एमडीआइ) पर बिल जारी करते हैं और अनियमित बिलिंग करते हैं. कई ऊर्जा मित्र तो उपभोक्ता को बरगला कर बिजली बिल कम कराने की बात कहकर जान-बूझकर कम रीडिंग लेते हैं. इसमें कुछ जेइ भी शामिल होते हैं. जब बाद में कोई वरीय अधिकारी जांच करता है, तो उपभोक्ता पर भारी बिल का बोझ लद जाता है. हालांकि, स्मार्ट मीटर के मामले में यह नहीं हो रहा है.
रांची के इन ऊर्जा मित्रों में पायी गयी गड़बड़ी
सब डिविजन—–ऊर्जा मित्र/जेइइ
अशोक नगर—–जेइइ पुंदाग व उज्ज्वल कांत पांडेयहरमू—–शुभम कुमार शर्मा व सुजीत कुमार गौतममेन रोड—–जेइइ मेन रोड साउथ व इमरान नवाजडोरंडा—–जेइ डोरंडा व मो. अनवर सादतएचइसी—–जेइ धुर्वा व संजीव कुमारतुपुदाना—–जेइ तुपुदाना व देवनारायण मंडलबुंडू—–मुरली मनोहर प्रसाद व पुरुषोत्तम महतोओरमांझी—–जेइ ओरमांझी व जेइ विकासटाटीसिलेवे—–जेइ टाटीसिलवे व जेइ रामपुरकोकर—–जेइ कोकर, नामकुम व चुटियाआरएमसीएच—–जेइ आरएमसीेच व जेइ बरियातूकांके—–जेइ कांके व जेइ-4अपर बाजार—–जेइ कचहरी व शुभम कुमाररातू रोड—–जेइ रातू रोड व अभिषेक कुमाररातू चट्टी—–जेइ इटकी व राजू कुमारडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

