रांची. झारखंड हाइकोर्ट ने रिम्स में मैनपावर सप्लाई के टेंडर को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने टेंडर के फाइनेंशियल बिड खोलने पर पूर्व में लगायी गयी रोक (अंतरिम आदेश) को अगले आदेश तक बरकरार रखा. पूर्व में चार मार्च को खंडपीठ ने रिम्स प्रबंधन को टेंडर मामले में आगे नहीं बढ़ने का निर्देश दिया था. मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने नाै जून की तिथि निर्धारित की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सन फैसिलिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड ने याचिका दायर कर चुनाैती दी है. प्रार्थी ने कहा है कि रिम्स प्रबंधन ने मैनपावर सप्लाई के लिए पांच सितंबर 2024 को टेंडर जारी किया था. इसमें 26 सितंबर 2024 को कुछ संशोधन किया गया, जिसमें कहा गया कि निविदादाता को लेबर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, कांट्रेक्ट लेबर लाइसेंस व प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी रेगुलेशन एक्ट (सिक्योरिटी मार्शल के लिए) का सर्टिफिकेट देना होगा. बाद में प्रार्थी को टेक्निकल बिड में यह कहते हुए अयोग्य करार दिया गया कि उनका प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी रेगुलेशन एक्ट का सर्टिफिकेट झारखंड का नहीं है. प्रार्थी का कहना था कि प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी रेगुलेशन एक्ट का सर्टिफिकेट सिर्फ सिक्योरिटी सर्विसेज आपूर्ति करनेवालों को देना था. इसका टेंडर में उल्लेख है. वह निविदा की सारी शर्तें पूरी करते हैं. इसके बावजूद उन्हें टेक्निकल बिड में अयोग्य करार दिया गया है.
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