Adivasi Land Dispute : झारखंड सरकार सीएनटी व एसपीटी एक्स से आच्छादित जमीन की अवैध खरीद-बिक्री पर कार्रवाई करेगी. सादा पट्टा के माध्यम से जमीन का अवैध हस्तांतरण से संबंधित मामलों में कड़ी कार्रवाई की जायेगी. सत्र के दौरान विधायक राजेश कच्छप के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री दीपक बिरुआ ने यह आश्वासन दिया.
श्री कच्छप ने भू-वापसी सुनिश्चित करने व अन्य समस्याओं के निदान के लिए भू-राजस्व मंत्री को पीठासीन जज बनाते हुए न्यायालय का संचालन राज्य हित में करने की मांग की थी. उन्होंने भू-वापसी से संबंधित मामलों का शीघ्र निदान करने का आग्रह किया. कहा कि सीएनटी एक्ट से आच्छादित लगभग 1.5 लाख मामले लंबित है. मंत्री श्री बिरुआ ने कहा कि मामलों के निष्पादन की प्रक्रिया चल रही है.
विधानसभा का शीतकालीन सत्र समाप्त
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में गुरुवार को समापन भाषण देते हुए स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने कहा कि पांच से 11 दिसंबर तक चले इस सत्र में सदन ने राज्य से जुड़े अत्यंत महत्वपूर्ण विषयों पर गहन चर्चा की. कई महत्वपूर्ण विधायी एवं वित्तीय कार्य संपादित किये गये. सत्र के दौरान कुल 301 प्रश्न स्वीकार किये गये, जिनमें से 121 अल्पसूचित, 148 तारांकित, और 32 अतारांकित प्रश्न शामिल रहे. इनमें से अल्पसूचित 118 तथा तारांकित 147 प्रश्नों के उत्तर विभागों से प्राप्त हुए. जबकि अल्पसूचित तीन, तारांकित एक तथा अतारांकित 32 प्रश्नों के उत्तर विभागों के पास लंबित हैं. उन्होंने कहा कि यह आंकड़े दर्शाते हैं कि सदन की संसदीय गतिविधियां जनसरोकारों के प्रति काफी सक्रिय और उत्तरदायी हैं.
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सत्र में कुल 129 शून्यकाल
स्पीकर ने कहा कि इस सत्र में कुल 129 शून्यकाल प्राप्त हुए, जिसमें से 94 सदन में पढ़ी गयी. प्रश्नों के माध्यम से जनसमस्याओं को प्रभावी ढंग से सदन के समक्ष रखा गया. कुल 42 ध्यानाकर्षण सूचनाएं प्राप्त हुईं, जिनमें से 20 स्वीकृत हो पायी. 12 का उत्तर सदन में प्राप्त हुए. एक सूचना अप्रस्तुत तथा सात सूचनाएं प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति को सुपुर्द की जायेंगी. इसके अलावा सत्र में कुल 39 गैर सरकारी संकल्प सदन के समक्ष आये. उन्होंने कहा कि सदन में कई बार तीखी राजनीतिक बहसों के बीच कुछ कठोर या असंगत शब्दों का प्रयोग हुआ, जो हमारी संसदीय मर्यादा के अनुकूल नहीं कहा जा सकता. लोकतंत्र में मतभेद स्वाभाविक हैं. परंतु विचारों की कठोरता व भाषा की कठोरता में परिवर्तित न हो, यह हमसब की सामूहिक जिम्मेदारी है.


