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सभी प्रमंडलों में गठित होगा क्षेत्रीय विकास प्राधिकार

रांची: शहरीकरण में हो रही वृद्धि को देखते हुए सरकार ने राज्य के सभी प्रमंडलों में क्षेत्रीय विकास प्राधिकार का गठन करने का फैसला किया है. कोल्हान, पलामू, संताल परगना व उत्तरी छोटानागपुर के लिए अलग-अलग क्षेत्रीय विकास प्राधिकारों का गठन किया जायेगा. वहीं दक्षिणी छोटानागपुर स्थित रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार का क्षेत्राधिकार भी बढ़ाया […]

रांची: शहरीकरण में हो रही वृद्धि को देखते हुए सरकार ने राज्य के सभी प्रमंडलों में क्षेत्रीय विकास प्राधिकार का गठन करने का फैसला किया है. कोल्हान, पलामू, संताल परगना व उत्तरी छोटानागपुर के लिए अलग-अलग क्षेत्रीय विकास प्राधिकारों का गठन किया जायेगा. वहीं दक्षिणी छोटानागपुर स्थित रांची क्षेत्रीय विकास प्राधिकार का क्षेत्राधिकार भी बढ़ाया जायेगा. नगर विकास विभाग ने संबंधित प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेज दिया है.
प्रस्तावित प्रमंडलीय क्षेत्रीय विकास प्राधिकारों की सीमा का निर्धारण कर दिया गया है. कोल्हान विकास प्राधिकार में पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां व पश्चिम सिंहभूम जिलों के नगर निकायों के रूप में अधिसूचित क्षेत्रों को छोड़ कर पूरे हिस्से को शामिल किया गया है. इसका मुख्यालय जमशेदपुर में बनाया जायेगा.
मेदिनीनगर मुख्यालय वाले पलामू क्षेत्रीय विकास प्राधिकार में पलामू, गढ़वा और लातेहार के नगर निकायों के रूप में अधिसूचित क्षेत्रों को छोड़ कर संपूर्ण क्षेत्र शामिल होंगे. वहीं, देवघर में प्रस्तावित मुख्यालय वाले संताल परगना क्षेत्रीय विकास प्राधिकार में दुमका, देवघर, पाकुड़, साहेबगंज, गोड्डा व जामताड़ा समेत कुल छह जिलों में नगर निकायों के रूप में अधिसूचित क्षेत्रों को छोड़ कर पूरा हिस्सा शामिल होगा. इसके अलावा उत्तरी छोटानागपुर क्षेत्रीय विकास प्राधिकार का भी गठन किया जायेगा. इसमें धनबाद, चतरा, बोकारो, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, व रामगढ़ के नगर निकायों के रूप में अधिसूचित क्षेत्रों को छोड़ कर पूरे हिस्से शामिल होंगे. इसका मुख्यालय हजारीबाग में प्रस्तावित है. नगर विकास विभाग ने सभी प्राधिकारों के पद सृजन का प्रस्ताव भी मंत्रिमंडल की स्वीकृति के लिए भेजा है. सभी प्राधिकारों को मिला कर कुल 68 पदों के सृजन का प्रस्ताव है.
विकास पर होगा नियंत्रण
प्रमंडलों में क्षेत्रीय विकास प्राधिकार गठित करने की योजना शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ कस्बों में भी होने वाली आधारभूत संरचना के विकास पर नियंत्रण करने के लिए तैयार की गयी है. प्राधिकार गठित होने के बाद संबंधित क्षेत्रों में किसी भी तरह का निर्माण कार्य करने के लिए अनुमति आवश्यक होगी. क्षेत्र के मास्टर प्लान के आधार पर ही निर्माण की अनुमति दी जायेगी. बिना प्राधिकार की स्वीकृति के हर तरह का निर्माण अवैध होगा. सरकार प्राधिकार क्षेत्र में जमीन के इस्तेमाल का निर्धारण करेगी. उसी आधार पर नक्शों को स्वीकृति प्रदान की जायेगी.
गुमला भी शामिल होगा आरआरडीए में
नगर विकास विभाग ने आरआरडीए का क्षेत्राधिकार बढ़ाने के प्रस्ताव में खूंटी व गुमला को भी शामिल करने का प्रस्ताव भेजा है. मंत्रिमंडल की स्वीकृति के बाद नगर निकायों के रूप में अधिसूचित क्षेत्रों को छोड़ कर रांची, खूंटी व गुमला का पूरा हिस्सा आरआरडीए में शामिल कर लिया जायेगा. खूंटी में तोरपा और गुमला का घाघरा और टोटो प्रखंड आरआरडीए के क्षेत्राधिकार में होगा. वहीं, लोहरदगा व सिमडेगा जिले के हिस्से अभी आरआरडीए में शामिल नहीं होंगे.

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