रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आज हम वैश्विक युग में जी रहे है. मानसिक शांति के लिए अध्यात्म से जुड़ना होगा. हम भौतिक सुख की कामना में जुटे रहते है, लेकिन असली सुख अध्यात्म में है. दुनिया में पैसा ही सब कुछ नहीं है. भौतिक सुख के लिए हम पैसे के पीछे भाग रहे है. यह तनाव के अलावा गंभीर बीमारी को आमंत्रण देता है. मुख्यमंत्री बुधवार को योगदा सत्संग सोसाइटी के शताब्दी समारोह में बोल रहे थे.

उन्होंने कहा कि हमारा शरीर सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं बना है. जबतक आपकी आत्मा सुखी नहीं होगी, पेट भरने का कोई लाभ नहीं है. योगदानंद महाराज ने क्रिया योग के माध्यम से विज्ञान व अध्यात्म में सामंजस्य स्थापित करने की कला सीखायी जो पूरे विश्व में फैला हुआ है. रघुवर ने कहा, 'मैं उनके व्यक्तित्व को प्रणाम करता हूं. आज का दिन झारखंड के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. उन्होंने कि आने वाले समय में जरुरत है हिंदुत्व के भाव को तलाश करने की.
कार्यक्रम में मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय सहित आश्रम के जुड़े देश-विदेश से आये अनुयायी शामिल हुए. राजधानी के प्रशासन, शिक्षा, चिकित्सा एवं व्यवसाय से जुड़े कई प्रतिष्ठित लोग कार्यक्रम में उपस्थित थे. मौके पर स्वामी शुद्धांनद जी ने मृणालिनी माता का संदेश पढ़कर सुनाया. कार्यक्रम का संचालन ईश्वरानंद गिरि ने किया.

योगदा सत्संग सोसाइटी के महासचिव स्वामी स्मरणानंद गिरि ने कहा कि क्रियायोग से हमारे अंदर जीने की कला व अध्यात्म सामंजस्य स्थापित होता है. गुरु जी क्रियायोग द्वारा प्रणायाम व ध्यान के तकनीक को सरलता से बताया है. ऑटोबॉयोग्राफी ऑफ योगी का प्रकाशन वर्ष 1946 में हुआ था. सात दशक से यह पुस्तक सबसे ज्यादा बिकने वाली पुस्तक है. इस पुस्तक 46 भाषाओं में है.

इस अवसर पर योगदा आश्रम रांची की ओर से मेधावी विद्यार्थियों का सम्मान किया गया. छह मेधावी विद्यार्थियों को 1.25 लाख रुपये की छात्रवृति प्रदान की गयी.