रांची. स्पीड पोस्ट के लिए अंगरेजी में पता लिखा होना जरूरी नहीं है. हिंदी में भी पता लिखा रहने पर स्पीड पोस्ट का डाक लेना अनिवार्य है. भारतीय डाक सेवाओं के अंतर्गत हिंदी और अंगरेजी दोनों भाषाओं में कोई भी व्यक्ति पता लिख सकता है. डाक कर्मी यह कह कर स्पीड पोस्ट से संबंधित लिफाफा नहीं लौटा सकते हैं कि उसमें पता हिंदी में लिखा हुआ है.
डाक घरों में निबंधन अथवा स्पीड पोस्ट के लिए कंप्यूटर पर हिंदी और अंगरेजी के फोंट लोड किया गया है. अधिकतर डाक घरों में पावती अंगरेजी में ही दिया जाता है. पर स्पीड पोस्ट काउंटर में किसी व्यक्ति अथवा उपभोक्ता को यह कह कर जलील नहीं किया जा सकता है कि उसने पता हिंदी में क्यों लिखा है. इस संबंध में झारखंड डाक प्रमंडल के निदेशक डाक सेवाएं भूपाल राम की ओर से सभी डाक घरों को स्पष्ट निर्देश भी जारी किये गये हैं. झारखंड में तीन हजार से अधिक छोटे और बड़े डाक घर हैं.
हिंदी को राष्ट्रीय भाषा का दरजा प्राप्त होने की वजह से इसका अधिक-से-अधिक प्रचार-प्रसार भी डाकघरों को करना है. हिंदी में कामकाज को बढ़ावा देने की बातें भी निदेशक की ओर से कही गयी हैं. उनका कहना है कि अधिकतर पोस्टल एसिसटेंट अंगरेजी में काम करते हैं, इसलिए वे स्पीड पोस्ट से संबंधित डाक पर अंगरेजी में पता लिखे जाने को अत्यधिक तवज्जो देते हैं. पर हिंदी में लिखे गये पते को लेने से इनकार करना न्यायसंगत नहीं है.
लालपुर डाक घर में नहीं लिया गया डाक
लालपुर डाक घर में गुरुवार को एक उपभोक्ता से इसलिए स्पीड पोस्ट का डाक नहीं लिया गया, क्योंकि उसमें हिंदी में पता लिखा हुआ था. बार-बार आग्रह करने के बाद भी डाक कर्मी ने किसी की नहीं सुनी.