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आदिवासियों को अधिक समय तक उपेक्षित नहीं रखा जा सकता : डॉ सेन (तसवीर ट्रैक पर है)

आदिवासियों को अधिक समय तक उपेक्षित नहीं रखा जा सकता : डॉ सेन (तसवीर ट्रैक पर है)रांची : इतिहासकार डॉ एके सेन ने कहा कि झारखंड का इतिहास जल, जंगल अौर जमीन से जुड़ा हुआ है. अब इसके इतिहास का पुनर्लेखन आवश्यक हो गया है. इतिहास को जानने के लिए स्रोत की आवश्यकता है़ इसे […]

आदिवासियों को अधिक समय तक उपेक्षित नहीं रखा जा सकता : डॉ सेन (तसवीर ट्रैक पर है)रांची : इतिहासकार डॉ एके सेन ने कहा कि झारखंड का इतिहास जल, जंगल अौर जमीन से जुड़ा हुआ है. अब इसके इतिहास का पुनर्लेखन आवश्यक हो गया है. इतिहास को जानने के लिए स्रोत की आवश्यकता है़ इसे खोजने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. भारत में आठ प्रतिशत आबादी आदिवासियों की है. इन्हें अधिक समय तक उपेक्षित नहीं रखा जा सकता. झारखंड के इतिहास को जानने व समझने में मानवशास्त्री की भी भूमिका अहम रही. अभी बहुत काम करना शेष है. जो इतिहास अभी तक अनजाना है, उसे सामने लाने की आवश्यकता है.

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