बीआईटी फेस्ट का हुआ आगाज, पहला दिन संगीत और कविता के नाम
रांचीः रांची स्थित बीआईटी में 1988 से चले आ रहे बीट उत्सव का आगाज आज बड़े धूमधाम से हो गया. कार्यक्रम का उद्धाटन झारखंड की सामाजिक एवं बाल कल्याण मंत्री लुइस मरांडी ने किया. उद्धाटन समारोह में डॉ बी. के सिंह (वीसी) के.के मित्रा( डीएसएम )एवं वीसी की धर्मपत्नी मीना मिश्रा भी मौजूद थीं. इतने […]
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रांचीः रांची स्थित बीआईटी में 1988 से चले आ रहे बीट उत्सव का आगाज आज बड़े धूमधाम से हो गया. कार्यक्रम का उद्धाटन झारखंड की सामाजिक एवं बाल कल्याण मंत्री लुइस मरांडी ने किया. उद्धाटन समारोह में डॉ बी. के सिंह (वीसी) के.के मित्रा( डीएसएम )एवं वीसी की धर्मपत्नी मीना मिश्रा भी मौजूद थीं. इतने लंबे समय से चले आ रहे इस उत्सव पर उन्होंने छात्रों को बधाई और शुभकामनाएं दी.
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लुइस मरांडी ने कहा, इतने सालों से चला आ रहा यह कार्यक्रम दर्शाता है कि छात्रों में कितनी प्रतिभाएं है. इतने सालों में मुझे पहली बार इस कार्यक्रम में शामिल होने का मौका मिला है. मेरी इच्छा थी कि मैं आज की शाम का आनंद उठाती लेकिन मैं सीधे कैबिनेट से आ रही हूं और कल मुझे कैबिनेट की बैठक में जाना है. इसलिए मैं ज्यादा वक्त नहीं दे पा रही हूं.
मैं छात्रों को यही संदेश देना चाहूंगी कि वह समय के महत्व को समझे और सही दिशा में मेहनत करें. पूरे कार्यक्रम को जिस तरह महत्वपूर्ण मुद्दों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है तारीफ के काबिल है. महिला सशक्तिकरण जैसे गंभीर मुद्दों को चुन कर आपने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है. इस बार फेस्ट को तीन महत्वपूर्ण मुद्दों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है जिसमें स्वच्छता अभियान, महिला सश्क्तिकरण और स्ट्रीट चाइल्ड जैसे महत्वपूर्ण विषय हैं. कार्यक्रम का आगाज स्थानीय नृत्य के साथ हुआ.
इस कार्यक्रम में महिलाओें की अलग-अलग भावनाओं को दर्शाया गया. महिला सशक्तिकरण को लेकर एक मौन कार्यक्रम( नाट्य रूप) पेश किया गया.इसके अलावा वर्ल्डकप के फीवर को भी गानों के जरिये दर्शाने की कोशिश की गयी. समारोह में अलग-अलग तरह-तरह के कार्यक्रम दिखाये गये जिनमें गजल भी शामिल था. सुदिप्तो ने चुपके-चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है गाकर दर्शकों का मन मोह लिया. तबले पर उसका भरपूर साथ दे रहे थे सोमनाथ. कार्यक्रम जैसे – जैसे आगे बढ़ा पाठक ब्रदर्श ने अपने गायन से एक अलग ही माहौल बना दिया. समारोह का पहला दिन संगीत और कविता के नाम रहा पाठक ब्रदर्श और कवियों ने पूरे कार्यक्रम में एक नया रंग भर दिया.
कार्यक्रम अपने रंग में है. कवि सम्मेलन शुरू हो चुका है. कवि सम्मेलन का संचालन चिराग चैन कर रहे हैं. मुमताज नसीम ने सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत की. इसमें सुर्य कुमार पांडेय, अरुण जैमिनी, रमेश मुस्कान, मनवीर मधुर जैसे कवि शामिल हैं. कवि सम्मेलन की शुरुआत से पहले बीआईटी के उभरते कवियों ने अपनी कविताएं सुनायी जिनमें अशांक और आरीफ शामिल थे उन्होंने कई मशहूर कवियों की कविताएं सुनायी जिनमें विष्णु दत्त की लाइन उल्लेखनीय है-
बरसात भी नहीं पर बादल गरज रहे हैं सुलझी हुई जुल्फें और हम उलझ रहे हैं. मदमस्त एक भौरा क्या चाहता कली से तुम भी समझ रही हो हम भी समझ रहे हैं.