रांची: भारत सरकार की दवा कंपनी कर्नाटक एंटीबायोटिक्स एंड फार्मास्युटिकल्स लि, बेंगलुरु को काली सूची में नहीं डाला जायेगा. पर कंपनी की दवा खरीद पर लगी रोक जारी रहेगी.
निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य ने जो जांच कमेटी गठित की थी, उसने सोमवार को इस आशय की अनुशंसा की है. पांच सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार सरकार की कोई एजेंसी कंपनी से दवाएं नहीं खरीदेगी. वहीं राज्य भर की गैर सरकारी एजेंसियों-संस्थाओं को दवाएं बिक्री या आपूर्ति करने संबंधी रोक को संशोधित कर दिया गया है. यानी कंपनी गैर सरकारी क्षेत्र को या खुले बाजार में दवाओं की बिक्री या आपूर्ति कर सकती है.
जांच कमेटी के एक सदस्य के अनुसार कंपनी की दवाओं के लगातार सब स्टैंडर्ड (निम्न स्तरीय) मिलने को ही इस अनुशंसा का आधार बनाया गया है. वहीं वर्ष 2002 में कंपनी की दवाओं के निम्न स्तरीय या नकली होने तथा उस वक्त कंपनी को काली सूची में डाले जाने के मामले को भी ध्यान में रखा गया है. कुल मिला कर कमेटी ने अपनी अनुशंसा में वही बातें कही है, जो निदेशक प्रमुख ने दो दिसंबर के अपने आदेश में लिखा था. इधर जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट से सरकार को अवगत करा दिया है. कमेटी के सदस्यों ने स्वास्थ्य विभाग के उप सचिव रमेश कुमार दुबे को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. अब सरकार को इस पर अंतिम निर्णय लेना है.