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प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ न रखें बैर भाव : राजनाथ

-नेहरू जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में राहुल को गृह मंत्री का जवाब-राजनाथ ने नेहरू को राष्ट्रीय नेता बताया, उनके विचारों की तारीफ कीएजेंसियां, नयी दिल्लीगृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए शुक्रवार को कहा कि किसी नेता को अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के विरुद्ध शत्रुता भाव नहीं रखना चाहिए. […]

-नेहरू जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में राहुल को गृह मंत्री का जवाब-राजनाथ ने नेहरू को राष्ट्रीय नेता बताया, उनके विचारों की तारीफ कीएजेंसियां, नयी दिल्लीगृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए शुक्रवार को कहा कि किसी नेता को अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी के विरुद्ध शत्रुता भाव नहीं रखना चाहिए. दलों को लोगों के मन में भय की भावना नहीं पैदा करनी चाहिए. पंडित जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती पर यहां आयोजित एक समारोह में उन्होंने कहा कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री अपने राजनीतिक विरोधियों कि खिलाफ बैर भाव नहीं रखते थे. यहां तक कि उन्होंने 1963 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को गणतंत्र दिवस परेड में आमंत्रित किया था.उनसे इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कांग्रेस उपाध्यक्ष के बयानों का उल्लेख किया. राहुल ने गुरुवार को कहा था कि इन दिनों ‘क्रुद्ध’ लोग देश चला रहे हैं. ‘स्वच्छता अभियान’ का फोटो छपवाने के लिए इस्तेमाल हो रहा है. गृह मंत्री ने कहा कि देश में ऐसे कई लोग हैं, जो सोचते हैं कि केवल एक परिवार के सदस्य ही देश पर शासन कर सकते हैं. लेकिन भारतीय लोकतंत्र की महानता ने साबित कर दिया है कि एक चाय बेचनेवाला भी प्रधानमंत्री बन सकता है. समारोह में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी उपस्थित थे.नेहरू की विदेश नीति की तारीफ कीगृह मंत्री ने कहा, ‘हम नेहरू की कश्मीर नीति का समर्थन नहीं करते. कई लोग उनकी चीन नीति का भी समर्थन नहीं करते. लेकिन, राष्ट्र निर्माण में उनके महत्वपूर्ण योगदान से कोई इनकार नहीं कर सकता है.’ नेहरू को राष्ट्रीय नेता बताते हुए सिंह ने कहा कि उन्होंने आजादी के फौरन बाद देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने और उसे शक्ल देने के लिए बहुत कुछ किया. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में अनुसंधान को बढ़ावा दिया. उनका विश्वास था कि भारत अंतरराष्ट्रीय मामलों में नेतृत्व प्रदान कर सकता है. नेहरु की विदेश नीति के संदर्भ में गृह मंत्री ने कहा, ‘जब विश्व अमेरिका और सोवियत संघ के दो खेमों में विभाजित था, नेहरू ने गुट-निरपेक्ष आंदोलन की बुनियाद रखी.’कोट”भारत पर संकीर्ण मानसिकता से शासन नहीं किया जा सकता. नेहरू ने इस तथ्य को पूरी तरह से समझा. उनका भारत के लोकतंत्र और इस बात में विश्वास था कि यह लोकतंत्र केवल अभिजात वर्ग के लिए नहीं है. यही वजह है कि उनके राजनीतिक विरोधी भी उन्हें पसंद करते हैं.राजनाथ सिंह, गृह मंत्री

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